दुर्गावती देवी को आप दुर्गा भाभी के नाम से जानते होंगे। दुर्गा भाभी भले ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू की तरह फांसी पर न चढ़ी हों, लेकिन कंधें से कंधा मिलाकर आज़ादी की लड़ाई लड़ती रहीं। और स्वतंत्रता सेनानियों के हर आक्रामक योजना का हिस्सा बनीं।
दुर्गा भाभी को भारत की 'आयरन लेडी' भी कहा जाता है। बहुत ही कम लोगों को यह बात पता होगी कि जिस पिस्तौल से चंद्र शेखर आज़ाद ने खुद को गोली मारकर बलिदान दिया था, वह पिस्तौल दुर्गा भाभी ने ही आज़ाद को दी थी।
इतना ही नहीं दुर्गा भाभी एक बार भगत सिंह की पत्नी बनकर अंग्रेज़ों से बचने के लिए उनके प्लान का हिस्सा बनी थीं। लाला लाजपत राय की मौत के बाद दुर्गा भाभी इतने गुस्से में थीं कि उन्होंने खुद स्काॅर्ट को जान से मारने की इच्छा जताई थी।
क्रांतिकारियों के लिए हथियारों की व्यवस्था करना और फिर उन तक उन हथियारों को पहुँचाना, उनका मुख्य काम था। वह दुर्गा भाभी ही थीं, जिन्होंने अपने पति के बम कारखाने पर छापा पड़ने के बाद, क्रांतिकारियों के लिए ‘पोस्ट-बॉक्स’ का काम किया।