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अनूप कुमार सिंह

अनूप कुमार सिंह पिछले 6 वर्षों से लेखन और अनुवाद के क्षेत्र से जुड़े हैं. स्वास्थ्य एवं लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर ये नियमित रूप से लिखते रहें हैं. अनूप ने कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य विषय में स्नातक किया है. लेखन के अलावा घूमने फिरने एवं टेक्नोलॉजी से जुड़ी नई जानकारियां हासिल करने में इन्हें दिलचस्पी है. आप इनसे [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.

इस स्वदेशी कंपनी ने दिया था दुनिया को पहला वेजीटेरियन साबुन, गुरुदेव ने किया था प्रचार

पेशे से व्यवसायी और देशभक्त अर्देशिर गोदरेज ने 1897 में इस स्वदेशी ब्रांड को शुरू किया था।

बेंगलुरु: शहर की आपाधापी के बीचों-बीच है बाँस और कार्डबोर्ड से बना यह प्राकृतिक स्कूल

स्कूल की बिल्डिंग में कॉलम इस तरह से डिज़ाइन किये गए हैं जिससे लगता है कि बच्चे एक पेड़ की नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं।

अमेरिका व कनाडा में 17 करोड़ डोसे बेच चुका है यह NRI, घर गिरवी रखकर शुरू किया था बिज़नेस

अमेरिका में मणि कृष्णन के बिज़नेस का सफ़र महज 10 दुकानदरों को डोसा बेचकर शुरू हुआ था।

कारगिल युद्ध के दौरान इस महिला ने अकेले ही संभाला था कारगिल का AIR स्टेशन

"सेना ने हमें लाइट बंद रखने के लिए कहा, बहुत सारे गोले रेडियो स्टेशन के परिसर में गिरते रहे। हॉस्टल ध्वस्त हो गया। मेरे कुछ साथी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागे थे। मैंने किसी तरह स्टेशन को चालू रखा।" -शेरिंग अंग्मो शुनु

भारत के 2 लाख से भी ज़्यादा ग्रामीण बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं अमरीकी NRI बिस्वजीत नायक

“मेरे कई सहयोगी भारत के लिए कुछ करना चाहते थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या और कैसे करें। इस मॉडल से मैंने उन्हें दिखाया कि हर कोई अपने तरीके से मोहन भार्गव (स्वदेस में शाहरूख खान की भूमिका) कैसे बन सकता है।”

2 लाख रुपये प्रति किलो: असम के इस वैज्ञानिक से सीखिए ये जादुई मशरूम उगाने का तरीका

असम की बोडोलैंड यूनिवर्सिटी में बतौर प्रोफेसर काम करने वाले डॉ. संदीप दास ने इस तरह के मशरूम की खोज जंगलों से की है।

600 से अधिक देशी बीज किए विकसित, 9वीं पास किसान ने तोड़े कई विश्व रिकॉर्ड।

"मैं देश के अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचना चाहता हूं और किसी कार्पोरेट या एमएनसी पर निर्भरता के बिना अधिक पैदावार में उनकी मदद करना चाहता हूँ।” -जय प्रकाश सिंह

बिना प्लास्टर वाले इस घर को पिछले आठ सालों में कभी नहीं भरना पड़ा बिजली या पानी का बिल

सूरत के इस इको फ्रेंडली घर को देखकर आप भी कहेंगे, वाह घर हो तो ऐसा, देखें तस्वीरें!

मिट्टी, बांस और पुआल से बना यह घर, बंगाल के तूफ़ान में भी डट कर खड़ा रहा, जानिए कैसे

इस घर में बाँस की दीवारों में मिट्टी का प्लास्टर किया गया है जिससे घर के अन्दर का तापमान हमेशा एक जैसा रहता है।