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अनूप कुमार सिंह

अनूप कुमार सिंह पिछले 6 वर्षों से लेखन और अनुवाद के क्षेत्र से जुड़े हैं. स्वास्थ्य एवं लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर ये नियमित रूप से लिखते रहें हैं. अनूप ने कानपुर विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य विषय में स्नातक किया है. लेखन के अलावा घूमने फिरने एवं टेक्नोलॉजी से जुड़ी नई जानकारियां हासिल करने में इन्हें दिलचस्पी है. आप इनसे [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं.

20 वर्षीय छात्र का स्टार्ट अप: बनाई लकड़ी की साइकिल, जो बच्चे की उम्र के साथ होती है बड़ी

पहले इस साइकिल को पुणे में एक मेले में प्रदर्शित किया गया, लेकिन अब यह अमेज़न पर और प्रेम की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

मिट्टी के बर्तनों की छत व सूखी डालियों के खंभे, प्रकृति की गोद में बना है यह घर

2 एकड़ के भूखंड पर निर्मित इस घर में 800 वर्ग फुट में एक ईंट और कंक्रीट की दीवारों वाला स्विमिंग पूल फैला हुआ है, साथ ही यहाँ ऑर्गेनिक खेत भी हैं, जहाँ कई प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती हैं।

केरल के किसान का मॉडल: हर साल बेचते हैं एक लाख किलो कटहल, बचाते हैं 6 करोड़ लीटर पानी

वर्गीज थराकन ने कटहल की खेती के लिए जब अपने 12 साल पुराने रबर के बागानों को उजाड़ा तब गाँव वालों ने उनका बहुत मजाक उड़ाया। आगे जो हुआ वह आपको हैरान कर देगा।

भारतीय छात्रों ने कागज़ से बनाई सिंगल सीटर 'इलेक्ट्रिक रेसिंग कार', मिला अवार्ड

पेपर इंजीनियरिंग के सिद्धांतों का इस्तेमाल करते हुए छात्रों ने कार की बाहरी बॉडी को रिसाइकिल किए गए पेपर-मैशे (papier-mâché) को प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) के साथ मिलाकर बनाया।

आत्मनिर्भरता का ब्रांड एम्बेसडर है यह परिवार, 12 सालों से नहीं खरीदे चावल व सब्जियाँ

यह परिवार 0.2 एकड़ जमीन में धान की खेती करता है और अपने घर के आसपास के 0.06 एकड़ जमीन में अदरक, हल्दी, काली मिर्च, टमाटर, भिंडी, हरी मिर्च और फूलगोभी जैसी सब्जियों के साथ-साथ जरूरी मसाले भी उगाता है।

माँ ने अकेले ही पत्तों की झोपड़ी में पाला, आज डॉक्टर व IAS बना यह आदिवासी बेटा

“बचपन से मैं एक डॉक्टर बनना चाहता था ताकि मैं दूसरों की मदद कर सकूँ। लेकिन बड़े होने के बाद मुझे लगा कि लोगों की मदद करने के लिए पहले मुझे उन्हें शिक्षित करके बेहतर अवसर प्रदान करना चाहिए। इसके लिए मैंने सिविल सर्विसेज को चुना।” - डॉ. राजेंद्र भरुद, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, नंदुरबार जिला, महाराष्ट्र।

कभी फीस के पैसों के लिए सड़कों पर बेचते थे अंडे, आज UPSC की परीक्षा पास कर बने अफसर

1996 में बिहार से दिल्ली आये मनोज अपनी आजीविका चलाने के लिए अंडे व सब्जियाँ बेचा करते थे, लेकिन अपनी मेहनत और सही संगत ने मनोज को फर्श से अर्श तक पहुँचा दिया। पढ़िए उनकी यह प्रेरक कहानी।

लॉकडाउन के दौरान मैंने छत पर ही उगाईं अपनी जरूरत की 90% सब्जियाँ! जानना चाहेंगे कैसे?

तमिलनाडु की मुथु ने महामारी के इस दौर में बाहर से सब्जियों की खरीद को बेहद कम कर दिया है। वह अपनी 500 वर्ग फुट की छत पर, 100 से अधिक ग्रो बैग्स में 25 तरह की सब्जियाँ उगाती हैं।

17 सालों से ऑर्गनिक सब्जियाँ उगाते हैं यह हेडमास्टर, जिससे बनता है बच्चों का मिड-डे मील

ताजी सब्जियाँ और पौष्टिक मिड-डे मील के अलावा चौहान छात्रों को यूनिफॉर्म, स्टेशनरी और जूते भी मुफ्त में देते हैं।

क्या आपने देखा है ऑटो पर बना एक चलता फिरता घर? लाउंज समेत कई सुविधाएँ हैं इसमें

इस छोटे से चलते-फिरते घर में बिजली के लिए सोलर पैनल व पानी की टंकी की भी व्यवस्था है। आइये जानते हैं और क्या-क्या है इसमें!