Powered by

Latest Stories

HomeAuthorsअलका कौशिक
author image

अलका कौशिक

अलका कौशिक की यात्राओं का फलक तिब्बत से बस्तर तक, भूमध्यसागर से अटलांटिक तट पर हिलोरें लेतीं लहरों से लेकर जाने कहां-कहां तक फैला है। अपने सफर के इस बिखराव को घुमक्कड़ साहित्य में बांधना अब उनका प्रिय शगल बन चुका है। दिल्ली में जन्मी, पली-पढ़ी यह पत्रकार, ब्लॉगर, अनुवादक अपनी यात्राओं का स्वाद हिंदी में पाठकों तक पहुंचाने की जिद पाले हैं। फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में निवास।

ऐसे वैसे, कैसे–कैसे म्‍यु‍ज़‍ियमों की फेहरिस्‍त में अनूठा है 'झाड़ू म्‍युज़‍ियम'!

By अलका कौशिक

इस म्यूजियम के लिए अमूमन 25,000 प्रांतों, गांवों, कस्‍बों, नगरों में जाकर, वहां बसने वाले लोगों के इस्‍तेमाल में आने वाली रोज़मर्रा की मामूली झाड़ू, उससे जुड़े किस्‍सों, रीति-रिवाज़ों, अंधविश्‍वासों, परंपराओं, आदतों, व्‍यवहारों को रिकार्ड किया गया।

वैश्विक महामारी पार्ट 2: एपिडमिक बनाम पैंडेमिक, स्‍पेनिश फ्लू का वर्ल्‍ड टूर!

By अलका कौशिक

भारत ‘स्‍पेनिश फ्लू’ का सबसे बड़ा शिकार साबित हुआ था और यहां लगभग डेढ़ से दो करोड़ लोगों (यानी करीब 6% आबादी) को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।

वैश्विक महामारी पार्ट 1: मानव सभ्यता के इतिहास की पहली इंफ्लुएंज़ा महामारी!

By अलका कौशिक

हिप्पोक्रेट्स के महामारी वर्णन से हम समझ पाते हैं कि वे जीवाणु जो हजारों साल पहले इंसानी सभ्यता को झकझोर रहे थे, पूरी तरह कभी नष्ट हुए ही नहीं। वे सोए पड़े रहे थे प्रकृति की तहों में, चुप्पी ओढ़े रहे थे। और जब-जब मौका लगा, दुनिया पर कहर बरपा करने से बाज नहीं आए!

लग्‍ज़री होटल को गुडबाय बोलें, चुनें विलेज टूरिज्‍़म का सुकून!

By अलका कौशिक

अपने देश-दुनिया के असल सौंदर्य को देखने-समझने, उसकी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और सीधी-सरल जीवनचर्या से मिलने के लिए गाँव-देहात आज भी सबसे आदर्श मंजिल हैं। और शहर से गांव तक के इस सफर में क्या पता कब-कहाँ आपका अपना अतीत मिल जाए! कौन जाने, किस मोड़ पर कोई ठहरा-सा पल दिख जाए।

वो 'मुंबई', जो शायद आपने देखी न हो!

By अलका कौशिक

''आमतौर पर मेरी वॉक से पास-पड़ोस के लोग ज्‍यादा जुड़ते हैं, मुझे काफी अच्‍छा लगता है जब खुद बांद्रावासी मेरे साथ अपनी ही जडों को टटोलने निकल पड़ते हैं और अचानक उन्‍हें लगता है कि वे एलिस इन वंडरलैंड की तरह हैं।''

आज़ादी से अब तक के हर चुनाव के रोचक किस्‍सों की बानगी दिखाता, देश का पहला 'इलेक्‍शन म्‍युजि़यम'

By अलका कौशिक

यह इलेक्‍शन म्‍युजि़यम राजधानी दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट इलाके में 1890 में बनी उस इमारत में खोला गया है जिसमें 1940 तक सेंट स्‍टीफंस कॉलेज चलता रहा था।

अब पुणे में होंगे करगिल युद्ध स्‍मारक के दर्शन!

By अलका कौशिक

द्रास से सैंकड़ों किलोमीटर दूर पश्चिम भारत में, इस युद्ध स्‍मारक की हुबहू प्रतिकृति अब पुणेवासियों के लिए उनके अपने शहर में मौजूद है।

इस जुनूनी जर्मन आर्टिस्‍ट ने हिमाचल के एक गुमनाम गाँव को विश्व के आर्ट मैप पर दिलायी जगह!

By अलका कौशिक

आर्ट रेज़ीडेंसी के लिए जब कोई फंडिंग, सरकारी या प्राइवेट सहयोग नहीं मिला तो फ्रैंक ने अपने खर्च पर इस पहल को अंजाम देने की ठानी।

छुट्टियों के मज़े के साथ पर्यावरण की रक्षा करते हैं उत्तर-भारत में बसे ये 'होम-स्टे'!

By अलका कौशिक

स्‍वागत है नए दौर में पर्यटन का फलसफा बदलने वाले ऐसे ठौर-ठिकानों में जो जिम्‍मेदार पर्यटन की कहानी के किरदार हैं।

80 बरस के रंगमंच गुरु रिटायरमेंट के बाद अब नेत्रहीन बच्‍चों को सिखाने में जुटे हैं थियेटर के रंग

By अलका कौशिक

दिनभर वर्कशॉप में उन्‍हें तल्‍लीनता से जुटे देखकर यह वाकई सच लगता है कि उम्र बस एक आंकड़ा भर है।