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67 की उम्र में कैसे किया शुगर, BP कंट्रोल? जानिए लता अम्मा का सीक्रेट मिलेट डायट प्लान

Diabetic Diet ChartBy Lata Amma

गुरुग्राम की रहनेवाली लता रामास्वामी की उम्र उस समय 35 साल थी, जब उन्हें पहली बार अपने बॉर्डरलाइन डायबिटीज़ के बारे में पता चला था। काम का दबाव कह लें या फिर लापरवाही, उन्होंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती गई, परेशानियां भी बढ़ने लगीं। उम्र के 60वें पड़ाव के आस-पास उनकी आंख की रोशनी जाने लगी, तब उन्हें पता चला कि यह बीमारी कितनी गंभीर हो सकती है। वह बताती हैं, “एक सुबह मैं सोकर उठी, तो मुझे ढंग से दिखाई नहीं दे रहा था।” वह अपना चेहरा घुमाए बिना मुश्किल से अपनी दाहिनी ओर देख पा रही थीं। डॉक्टर से जांच कराई, तो पता चला कि अनियंत्रित डायबिटीज़ ने उनकी दाहिनी आंख की रेटिना को प्रभावित किया है। तब उन्हें डायबिटीज़ की गंभीरता का एहसास हुआ। उस समय उनकी उम्र 59 साल थी। वह काफी परेशान रहने लगीं। फिर फैसला किया कि जो नुकसान होना था, वह तो हो गया। अब वह हालात को और बिगड़ने नहीं देंगी। उन्होंने शुगर के स्तर को कम करने के लिए अपने खाने की आदतों को बदलना (Diabetic Diet Chart) शुरू कर दिया।

इन चीज़ों का सेवन कर दिया बिल्कुल बंद

Millet Diet

लता ने लगभग तीन महीने तक अलग-अलग तरह के मिलेट्स कोअपने डाइट प्लान (Diabetic Diet Chart) में शामिल किया। अब वह आटे, चावल और मैदा की जगह बाजरा, रागी और अन्य मिलेट्स आदि से बने तरह-तरह के व्यंजन (diabetic meal plan) खा रही हैं। वह कहती हैं, “इससे मेरा शुगर लेवल काफी कम हो गया और एनर्जी लेवल बढ़ गया। सबसे बड़ी बात, मेरा 14 किलो वजन घट गया था। बीपी भी अब कंट्रोल में था।”

उन्होंने साल 2019 में अपनी डाइट (Diet Plan for diabetics) में बदलाव किया था और अपने फैमिली डॉक्टर को डाइट प्लान ( Diabetic Diet Chart ) की पूरी जानकारी देने के बाद ही इसे अपनाया था।

डायबिटीज़ से प्रभावित होने वाले शरीर के सभी अंगों में से रेटिना एकमात्र ऐसा हिस्सा है, जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। जब लता को पता चला कि उनकी रेटिना प्रभावित हुई है, तो आप उनकी हालत का अंदाजा लगा सकते हैं। वह पेशे से एक शिक्षिका हैं और छात्रों को गणित व फिजिक्स पढ़ाती हैं।

भारत के मिलेट मैन’ से मिला रास्ता 

द बेटर इंडिया ने लता से यह जानने की कोशिश की कि कैसे रागी, बाजरा और अन्य मिलेट्स के जरिए उन्होंने अपने शुगर लेवल को कंट्रोल किया?

लता याद करते हुए कहती हैं, “मैं उस समय काफी परेशान थी। लेकिन फैसला कर लिया था कि शरीर के बाकी अंगों को नुकसान नहीं होने दूंगी। एक सही डाइट प्लान, दवाइयां और जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए मैंने यूट्यूब खंगाला, कई किताबें भी पढ़ीं। महीनों तक, बस इसी खोजबीन में लगी रही कि कुछ ऐसा मिल जाए, जिससे मेरी परेशानियां कम हो सकें। कोई कहता था सात दिनों में रिज़ल्ट मिल जाएगा, तो कोई महीनों की बात करता था। लेकिन उनमें से किसी ने यह नहीं बताया कि रिजल्ट कितने लंबे समय तक बना रहेगा।”

अंत में उन्हें डॉ. खादर वली के जरिए एक रास्ता मिल ही गया। डॉ. वली को ‘भारत का मिलेट मैन’ कहा जाता है। उनकी बेटी भी एक डॉक्टर हैं, जो उस समय मधुमेह के रोगियों के लिए आहार संबंधी जरूरतों पर गुरुग्राम में एक कार्यशाला चला रही थीं।

“डर था कि कहीं खाने पर रोक न लग जाए”

Breakfast for Diabetics

लता बताती हैं, “वर्कशॉप में मैंने जाना कि शुगर के स्तर पर नियंत्रण रखने के लिए किसी को अपने जीवनशैली में बड़े बदलाव करने की जरूरत नहीं है। मेरे पास काफी सारे विकल्प थे, लेकिन मुझे डर था कि कहीं ये मेरे खाने पर रोकथाम न लगा दें। मैंने ब्राउन शुगर और तेल पहले ही कम कर दिया था। अब और समझौता नहीं करना चाहती थी। डॉक्टर ने मिलेट्स (Diet Plan for diabetics) को चावल, गेहूं और मैदे का विकल्प बताया और फिर मिलेट्स मेरे जीवन में बदलाव लेकर आया।”

इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिसका सीधा सा मतलब है कि यह ब्लड में शुगर के स्तर को एकदम से नहीं बढ़ाएगा। 

बाजरा, रागी और अन्य पांच मिलेट्स में इन खूबियों के अलावा भी काफी सारे खनिज और विटामिन होते हैं, जो हमें सेहतमंद बनाए रखते हैं। लता ने इनसे कई तरह के व्यंजन बनाकर जैसे डोसा, रोटी, चावल, इडली आदि के रुप में अपने आहार में इसे शामिल किया था। 

5 मिलेट्स, जिन्हें लता ने चमत्कारी माना (diabetic diet chart)

इन सबके स्वाद और व्यंजन बदलते रहे, लेकिन लता ने उन्हें किसी न किसी रूप में अपनी डाइट (diabetic diet chart) में बनाए रखा।

हफ्ते भर में शुगर लेवल हुआ कम

वह बताती हैं कि एक हफ्ते के भीतर उनका शुगर लेवल 190 से घटकर 170 पर आ गया और कुछ समय बाद तो 120 पर था। लता का शुगर लेवल सुधरते देख उनके पति ने भी इस डाइट को अपनाना शुरु कर दिया। वह भी काफी लंबे समय से डायबिटीज़ से जूझ रहे थे। दंपति ने फिलहाल चावल, गेहूं और मैदा को अपनी रसोई से पूरी तरह हटा दिया है।

उन्होंने कहा, “मिलेट के काफी फायदे हैं और यह बाजार में आसानी से मिल भी जाता है। मैं इसे रात को 8 घंटे तक भिगोकर रखती हूं। रोजाना 25 ग्राम से ज्यादा का सेवन नहीं करती हूं। भोजन को संतुलित बनाए रखने के लिए अपने खाने में ढेर सारी सब्जियां भी लेती हूं।”

लता के अनुसार, उनका शुगर लेवल आज कंट्रोल में है। उन्हें अपनी उंगलियों में सुन्नपन भी महसूस नहीं होता। उन्होंने कहा, “खाने के बाद भी मेरा शुगर ठीक रहता है, जो इस बात का संकेत है कि मिलेट (Diet Plan for diabetics) काम कर रहा है।”

फेसबुक पर ‘अम्मा मिरेकल मिलेट्स’ ( Diabetic Diet Chart )

Amma’s Miracle Millets

अपनी सेहत में आए सुधार से लता काफी चकित थीं। उन्होंने अपने इस अनुभव को साझा करने के लिए फेसबुक पर एक पेज बनाया ‘अम्मा मिरेकल मिलेट्स’। इस पेज पर उन्होंने लोगों को काफी जानकारी दी। दिसंबर 2020 से लता ने अपने डाइट प्लान (diabetic diet chart) को करीब 700 लोगों के साथ शेयर किया है।

वह बताती हैं, “मेरे इस सफर से प्रेरित होकर एक 55 साल की महिला ने मिलेट्स को अपनी डाइट (diabetic diet chart) में शामिल किया। काफी लंबे समय से उनका शूगर लेवल कंट्रोल से बाहर था। चार महीने बाद वह डायबिटीज़ फ्री हो गईं। हालांकि नाम न छापने की शर्त के चलते मैं उनके बारे में ज्यादा खुलासा नहीं कर सकती हूं। लेकिन काफी लोगों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।”

आज लता मिलेट्स से बना डोसा बैटर, पोहा, आटा और गीला बाजरा व बाजरा रवा आदि जैसे कई तरह के सामान बेच रही हैं। फिलहाल तो सप्लाई गुरुग्राम और दिल्ली तक ही सीमित है। 

नोट: लता की डाइट प्लान चिकित्सकीय रूप से स्वीकृत नहीं हैं। आहार संबंधी आदतों को बदलने से पहले डाक्टर की सलाह लें।

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मूल लेखः गोपी करेलिया

संपादनः अर्चना दुबे

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