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राजस्थान: 15 साल के इन बच्चों ने चिंकारा शिकारियों को उल्टे पाँव खदेड़ा!

लॉकडाउन के चलते, वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए मुकेश और इनके साथी रात में यहां पहरा देते हैं।

श्रमिकों के शुक्रिया करने का अनोखा अंदाज़, आश्रय बने सरकारी स्कूल की बदली सूरत

सरपंच बताते हैं कि कुछ प्रवासी श्रमिकों ने स्कूल को चमकाया तो दूसरे भी खाली नहीं बैठे। कोई श्रमिक पौधों की देखभाल और इन्हें पानी देने के काम में जुटा है तो कोई निराई गुड़ाई करने लगता है। कोई अन्य कार्य में हाथ बंटाता है।

जयपुर: 79 वर्षीया माया शर्मा हर रोज़ 4-5 घंटे बैठ बनाती हैं ज़रूरतमंदों के लिए मास्क

By मानबी कटोच

उम्र हो जाने की वजह से अब उनसे सुई में धागा नहीं पिरोया जाता, तो यह काम उनकी 8 साल की पोती काव्या बड़े शौक से उनके लिए करती है।

रात भर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को चाय पिला रही हैं एसपी तेजस्विनी गौतम!

By निशा डागर

तेजस्विनी गौतम और उनकी टीम ने अब तक गरीब और ज़रूरतमंद लोगों में 7 हज़ार पैकेट सूखा राशन और 2500 फ़ूड पैकेट भी बांटे हैं!

अपने जीवन के 20 साल देकर, पूर्व सिविल सेवक ने बसाया टाइगर रिज़र्व

By पूजा दास

“कभी-कभी, मुझे बाघों को किसी भी बाहरी खतरे से बचाने के लिए जंगल में रात बितानी पड़ती है। मैं यह भी सुनिश्चित करता हूं कि जंगल में पानी वाले गड्ढ़े, चिलचिलाती गर्मियों में भी हमेशा भरे रहें, ताकि जानवर हमेशा अपनी प्यास बुझा सकें।” - आदित्य सिंह

अपने ही खेत में उगे जैविक उपज का वैल्यू एडिशन कर बना दिया अपना ब्रांड; आज लाखों में है कमाई!

8वीं तक पढ़े राजपाल सिंह 60 साल की उम्र में भी लगातार नया सीखने में जुटे हैं।

12वीं पास किसान के बनाए 'ममी-मॉडल' से अब अंतिम संस्कार में लगती हैं 4 गुना कम लकड़ियां!

एक बीघा में 60 टन लकड़ी होती है, इसके हिसाब से स्वर्गारोहण में अग्नि संस्कार करने पर 100 बीघा तक जंगल बचाया जा सकता है।

11वीं पास किसान ने कर दिए कुछ ऐसे आविष्कार, आज सालाना टर्नओवर हुआ 2 करोड़!

कभी किसी ज़माने में किसानी की समस्या से जूझने वाले अरविंद ने उन समस्याओं के आगे घुटने नहीं टेके, बल्कि उनका समाधान निकालने में जुटे रहें।

हॉलेंड के ट्यूलिप से लेकर महाबलेश्वर की स्ट्रॉबेरी तक; 6000 पौधों का खज़ाना है इनके बाग़ में!

रवींद्र के बगीचे में 25 प्रकार के कमल, 250 प्रजातियों के अडेनियम, 250 प्रजातियों के गुलाब, 25 प्रजातियों के बोगनवेलिया सहित 6000 गमलों में 150 से भी ज्यादा प्रकार के प्लांट्स हैं।