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इस बायोगैस प्लांट की वजह से 5000 परिवारों को नहीं पड़ती है LPG की जरूरत, जानिए कैसे !

पुणे स्थित सिस्टेमा बायो कंपनी ने बायोगैस प्लांट विकसित किया है, जिससे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के लगभग 5,000 किसानों को एलपीजी की जरूरत नहीं पड़ रही है।

क्या पाम ऑयल का उपयोग करते हुए जंगल बचा सकते हैं? भारतीय व्यवसायों के पास है इसका जवाब

By द बेटर इंडिया

क्या आप जानते हैं कि वैश्विक स्तर पर हर व्यक्ति सलाना लगभग 8 किलो पाम ऑयल का इस्तेमाल करता है। आप सोच रहे हैं कैसे? हमारे भोजन में, हमारे सौंदर्य प्रसाधनों में और अन्य वस्तुओं में, जिनका उपयोग हम रोज करते हैं। लेकिन, क्या आप यह जानते हैं कि अगर इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी से किया जाए तो पर्यावरण संबंधित चुनौतियों का सामना करने के साथ-साथ स्थानीय किसानों को भी मदद मिल सकती है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें यह लेख।

महाराष्ट्र: एक शख्स ने 43 गाँवों के 63 झीलों को उबारा बदहाली से, जानिए कैसे

महाराष्ट्र के भंडारा और गोंदिया जिले के 63 झीलों को पुनर्जीवित कर मनीष ने आदिवासी समुदायों के जीवन में स्थिरता लाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई।

आपके 50% किराने के सामान में होता है पाम ऑयल, लेकिन क्या यह टिकाऊ है?

By द बेटर इंडिया

पाम तेल हर चीज़ में है - लिपस्टिक से लेकर चॉक्लेट तक। पर क्या जंगलों को काटे बगैर इसका उत्पादन करना संभव है और क्या आप इसमें कोई मदद कर सकते हैं?

दिल्ली: पिछले 7 सालों से नहीं फेंका घर का जैविक कचरा, खाद बनाकर करतीं हैं गार्डनिंग

By निशा डागर

ढलती उम्र को अकेलेपन में नहीं बल्कि पर्यावरण के लिए कुछ अच्छा करते हुए बिताना चाहतीं हैं दिल्ली की 65 वर्षीया रेखा मान।

किचन और गार्डन में इस्तेमाल किया सिर्फ वर्षा-जल, हर दिन बचाया 13 हज़ार लीटर पानी

By निशा डागर

सिर्फ साफ़-सफाई के लिए ही नहीं, यह परिवार बारिश का पानी, खाना बनाने और पीने के लिए भी इस्तेमाल करता है।

7 दिन लगातार जुटकर खुद घर में बनाया सोक पिट, ताकि मोहल्ले में किसीको न हो पानी की कमी

2019 में उन्होंने अपने घर के बाथरूम और किचन को भी इस सोक पिट पाइप के द्वारा जोड़ दिया ताकि इन जगहों पर जो अतिरिक्त पानी बेकार हो जाता है वह पन सोखा में चला जाए जिससे वाटर लेवल बना रहे।

पिछले एक दशक से गौरेया को बचाने में जुटा है यह शख्स, शहर भर में लगाए 2000 घोंसले!

By निशा डागर

"अगर आपने आस-पास नियमित तौर पर पक्षी आपको दिख रहे हैं तो समझिए कि आप एक स्वस्थ वातावरण में रह रहे हैं और अगर नहीं तो यह चिंता का विषय है।"