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प्रेरक महिलाएं

खेतों में मज़दूरी करके, बेटी से अंग्रेज़ी सीखके, 10वीं की परीक्षा फिर देने चली हैं यह महिला किसान!

By मानबी कटोच

यह कहानी है सविता डकले की, जिन्होंने न सिर्फ अपनी इस आम कहानी को अपनी मेहनत और लगन से ख़ास बनाया बल्कि अपने गाँव की दूसरी महिलाओं को भी अपने नक़्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित किया।

हर माह वेतन से 30% देकर अब तक 100 दिव्यांग बच्चों का जीवन संवार चुकी हैं यह युवती!

यह गीतू की मेहनत का ही फल है कि आज 100 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर जॉब कर रहे हैं और कुछ जॉब के लिए तैयारी कर रहे हैं।

बेस्ट ऑफ़ 2019: इस साल 'नारीशक्ति' का प्रतीक रहीं महिलाओं की कहानियां!

By द बेटर इंडिया

साल 2019 के अंतिम पड़ाव पर एक बार फिर पढ़ते हैं 'नारीशक्ति' की उन कहानियों को जो हर एक पीढ़ी के लिए हौसले की मिसाल रहेंगी!

लद्दाखी खाने को विश्वभर में पहचान दिला रहीं हैं यह महिला!

By निशा डागर

निलज़ा वांगमो ने 'अलची किचन' शुरू करने के लिए लोन लिया था और आज तीन साल बाद, वे लद्दाख में इसकी तीन शाखाएं सफलता से चला रही हैं!

टीचर ने बनाया अनोखा स्कूल, जहाँ बच्चों को मिलती है मुफ्त शिक्षा और अभिभावकों को रोज़गार!

शालिनी का मानना है कि जब तक मौलिक जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तब तक बच्चे शिक्षा का महत्व नहीं समझेंगे।

पंजाब की 'फुलकारी' को सहेज रही है यह बेटी, दिया 200 महिलाओं को रोज़गार!

By निशा डागर

एक फुलकारी दुपट्टा तैयार करने के लिए 15 से 20 दिन लग जाते हैं क्योंकि सारा काम हाथ की कढ़ाई का है!