जूली ने अपने घर में काम करने वाली दीदी के बेटे को पढ़ाना शुरू किया था, जब उन्हें महसूस हुआ कि स्लम में और भी बहुत बच्चे हैं, जिन्हें शिक्षा से जोड़ना ज़रूरी है!
उन्हें कई बार जान से मारे जाने की धमकियां मिलीं, लेकिन वह पीछे नहीं हटीं। आज उनकी मृत्यु के लगभग 5 साल बाद भी द बेटर इंडिया उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है!
"जब मैंने अपना उद्यम शुरू करने का फैसला किया, तो बहुत से लोगों ने मुझे हतोत्साहित किया और उनका मानना था कि बैंक जैसी एक स्थिर नौकरी छोड़ना पागलपन है।" #WomenEntrepreneurs
झारखंड के 2.46 लाख सखी मंडल से करीब 32 लाख ग्रामीण महिलाएं जुड़ी है, इस शानदार नेटवर्क का उपयोग जिला प्रशासन एवं सरकार के द्वारा दूरस्थ इलाकों तक सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता समेत अन्य जागरुकता संदेश के प्रसार के लिए भी किया जा रहा है ताकि स्थानीय समुदाय तक सही सूचनाएं पहुंच सके।
नीता ने अपना सफ़र पार्लर में अपने प्रोडक्ट्स सप्लाई करने से शुरू किया था। लेकिन अज रॉयल आर्किड होटेल्स, द पार्क होटल और मणिपाल हॉस्पिटल जैसे बड़े नाम उनके ग्राहकों की लिस्ट में शामिल होते हैं!
"मैं अपने वीडियोज़ में कोई मेकअप नहीं करती, घर के कपड़ों में होती हूँ और अपने छोटे से घर में ही रिकॉर्ड करती हूँ, ताकि मैं उन सब लोगों तक ये बात पहुँचा सकूं कि अगर आप में टैलेंट है तो ये सारी चीज़ें बिल्कुल मायने नहीं रखतीं," ममता कहती हैं।
"पहले हमारे घरों में माल्टा और निम्बू काफी खराब हो जाते थे लेकिन अब हमें इन्हें प्रोसेस करके जूस, अचार और स्क्वाश जैसी चीजें बनाना आता है। अब हमारे यहाँ कुछ बेकार नहीं जाता।"
एक सफल उद्यमी शिल्पा कहती हैं,"मैंने अपने बेटे का वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर लिया है।” उन्हें अक्सर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों द्वारा अपनी ज़िंदगी की प्रेरणादायक कहानी साझा करने और बिजनेस मैनेजमेंट पर बात करने के लिए आमंत्रित भी किया जाता है।