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पश्चिम बंगाल

Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from West Bengal, India. भारत के पश्चिम बंगाल से जुड़ीं पॉजिटिव, सकारात्मक कहानियां, अच्छी ख़बरें, आविष्कार से सम्बंधित ख़बरें, अनजाने नायक जो एक बेहतर कल के लिए प्रयासरत हैं. पश्चिम बंगाल की महिलाओं की कहानियां, जिन्होंने बदलाव की नींव रखी। पश्चिम बंगाल के किसानों को प्रेरित करने वाली प्रगतिशील किसानों की ख़बरें। शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुँचने वाले लोगों की कहानियां। छोटे व्यवसाय से अपनी किस्मत बदलने वाले लोगों की प्रेरक कथाएं। \ Positive stories of women empowerment, achievements, initiatives, heroes, heroines, farmers, innovations, business and many more from West Bengal, India.

पश्चिम बंगाल का वह गाँव, जहाँ लोगों ने अपने खून-पसीने से बंजर पहाड़ पर उगा दिया जंगल

साल 1997 तक, पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के झारबगड़ा गाँव एक समय 50 किलोमीटर के दायरे में हर ओर से बंजर जमीनों से घिरा हआ था। लेकिन, आज यहाँ के करीब 387 एकड़ जमीन पर घने जंगल लगे हुए हैं और यह कई प्रकार के पशु-पक्षियों का घर है।

मिट्टी, बांस और पुआल से बना यह घर, बंगाल के तूफ़ान में भी डट कर खड़ा रहा, जानिए कैसे

इस घर में बाँस की दीवारों में मिट्टी का प्लास्टर किया गया है जिससे घर के अन्दर का तापमान हमेशा एक जैसा रहता है।

100 किमी साइकिल चला पत्नी के इलाज के लिए झारखंड पहुँचा यह शख्स!

By कुमार विकास

“जब मैं पुरुलिया के अस्पतालों में दर-दर की ठोकरें खा रहा था तो एक समय तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि अब मैं अपनी पत्नी को नहीं बचा पाउंगा। वह लगातार दर्द से चीख रही थी और अस्पताल के लोग मुझे दूसरी जगह जाने की सलाह दे रहे थे। अस्पताल की बात सुनकर मुझे लगा कि जैसे मैं आत्महत्या कर लूं, लेकिन भगवान ने मुझे हौसला दिया और रास्ता भी दिखाया।"

कभी दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर यह आदिवासी महिला, आज हैं मशरूम खेती की मास्टर ट्रेनर!

By नेहा रूपड़ा

पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर की रहने वाली सुशीला के गाँव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि उनके पास चाय के बागान में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करना ही एक मात्र विकल्प था लेकिन फिर भी उन्होनें हार नहीं मानी!

भारत में इन्होनें सबसे पहले किया था हिंगलिश का प्रयोग, बंगाल नवजागरण की रखी थी नींव!

‘द फकीर ऑफ जंघीरा’, प्रेम कहानी पर आधारित एक कविता है, भारतीय चेतना की जड़ों से जुड़ी इसी कविता को लिखने में डेरोज़ियो ने ‘हिंगलिश’ का पहला उदाहरण हमारे सामने रखा था।

कोलकाता की सोसाइटी सिखा रही है बच्चों को खेती के गुर!

By पूजा दास

आमतौर पर शहरों में रहते हुए बच्चे ज़मीन और खेतों से दूर हो जाते हैं। बच्चों को यह कोई नहीं बताता है कि आखिर उनके डाइनिंग टेबल पर भोजन कैसे पहुंचता है। खेत और फसल की बातें करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में कोलकाता की एक सोसाइटी ने ‘लिटिल फार्मर’ नाम का एक प्रॉजेक्ट शुरू किया है, जहां बच्चों को मज़ेदार तरीके से खेती के गुर सिखाए जाते हैं।

जिंदगी जोखिम में डालकर लड़कियों को मानव तस्करी से बचा रही है पिता-बेटी की जोड़ी!

By निशा डागर

पिछले 35-वर्षों में शुभश्री और उनके पिता, निहार के एनजीओ ने नाबालिगों सहित 2,500 लड़कियों को सफलतापूर्वक बचाया और उन्हें पुनर्वासित किया है!

अमेरिका छोड़ गाँव में बसा दंपति, 2 एकड़ ज़मीन पर उगा रहे हैं लगभग 20 तरह की फसलें!

By निशा डागर

"हमारे ये सब करने से ग्लोबल वार्मिंग भले ही न रुके, लेकिन हमारे आस-पास जो बच्चे हैं, उनकी ज़िंदगी में बदलाव ज़रूर आएगा।"

शिक्षक की एक पहल ने बचाया 3 लाख प्लेट खाना, 350 बच्चों की मिट रही है भूख!

By निशा डागर

चंद्र शेखर अपने बेटे के जन्मदिन की पार्टी से लौट रहे थे, जब रास्ते में उन्होंने दो बच्चों को डस्टबिन में से चावल खाते देखा था।

हमराही: शारीरिक अक्षमता क्यों आए प्यार के आड़े? जानिये एक सच्चे प्यार की दास्ताँ!

By निशा डागर

जीजा को जन्म से ही सेरिब्रल पाल्सी है और इस वजह से लोग अक्सर बप्पादित्य से पूछते हैं कि उन्होंने उनसे शादी क्यों की? इसके जवाब में वह केवल एक ही शब्द कहते हैं - 'प्यार'!