बेंगलुरु की स्वाति द्विवेदी एक एच आर (ह्यूमन रिसोर्स) प्रोफेशनल हैं। पौधे लगाना और उनके वीडियोज़ बनाकर अपने यूट्यूब चैनल पर डालना उनका शौक़ है। अपने घर के बैकयार्ड में उन्होंने पपीते व अमरूद के पेड़ और घिया, गाजर, अदरक, तुलसी, गिलोय, धनिया समेत तकरीबन 200 पौधे लगाए हैं। इनमें बहुत से मेडिसिनल प्लांट और सब्जियां भी हैं।
स्वाति पौधों के साथ कुछ न कुछ नया एक्सपेरिमेंट करती रहती हैं। वह गमलों में शकरकंद उगाना चाहती थीं, लेकिन मार्केट से बीज खरीदने की उनकी इच्छा नहीं थी। अगस्त 2020 में, उन्होंने इसे एक चुनौती की तरह लिया। इसके बाद स्वाति ने बाजार से लाए शकरकंद से स्वीट पोटैटो उगाने की प्रक्रिया शुरू की। कुछ महीने पहले ही उनके प्रयोग का सफल परिणाम मिला। उन्होंने अपने गार्डन में तीन किलो से अधिक शकरगंद उगाई।
द बेटर इंडिया के साथ बातचीत में स्वाति ने बताया, “यह बहुत ही आसान है। आप शकरकंद को अपने बगीचे, छत या बालकनी कहीं भी उगा सकते हैं, बशर्ते वहां धूप आती हो।”
शुगर के मरीज़ों के लिए फायदेमंद है शकरकंद
यह तो आप जानते ही हैं कि शकरकंद में काफी फाइबर होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी, सी और खनिजों की भरमार होती है। इसमें आपको बीटा-कैरोटीन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भी मिलता है, जो शरीर में विटामिन ए की कमी को दूर करता है और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जिसके कारण डायबिटीज़ के रोगी भी इसे खा सकते हैं।
स्वाति ने सेहत से भरपूर इस शकरकंद को गमलों में उगाने के लिए आसान स्टेप्स बताएः
इन चीजों की होगी जरूरत
- मार्केट से खरीदे गए कुछ शकरकंद
- कटोरियां
- पॉटिंग मिक्स
- कंटेनर या टेराकोटा पॉट
शकरकंद उगाने का तरीका
- शकरकंद को दो हिस्सों में काट लें।

2. कटोरी को आधा पानी से भर लें और इसमें कटा हुआ शकरकंद डालें। ध्यान रहे शकरकंद पूरी तरह से पानी में डूबे नहीं। कटा हुआ आधा हिस्सा पानी के अंदर और बाकी का आधा हिस्सा पानी से बाहर होना चाहिए।

3. हर दूसरे दिन इसका पानी बदलते रहें। दस दिनों में ही आपको शकरकंद में छोटी-छोटी जड़ें और पत्ते दिखने शुरू हो जाएंगे।

4. शकरकंद को उसी कटोरी में 30 दिनों तक बढ़ने दें।

5. तीस दिनों में इसके तने और पत्तियों की अच्छी-खासी ग्रोथ हो जाएगी। इसके बाद बड़ी ही सावधानी से शूट्स को शकरकंद से अलग करें।

6. बेहतर रिज़ल्ट के लिए इन शूट्स को भी पहले कुछ दिनों तक पानी में रख दें, ताकि जड़ें जर्मिनेट (अंकुरित) हो सकें।

7. अब एक बड़े से कंटेनर में ऑर्गेनिक पॉटिंग मिक्स डालें।

8. इस मिट्टी में एक-एक इंच गहरे गड्ढे करें और शंकरकंद की पौध को गमले में रोप दें। पौधों के बीच एक निश्चित दूरी का ध्यान जरुर रखें।

9. गमले को ऐसी जगह पर रखें, जहां उन्हें सीधी धूप मिलती रहे। पौधे को नियमित रूप से पानी देते रहें।
शकरकंद को अंकुरित करने और रोपने का तरीका यहां देखें:
10. छह या सात महीने के बाद यह पौधा मुरझाने लगेगा और इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगेंगी। इस पर फूल आने शुरू हो जाएं, तो समझ जाइए कि शकरकंद तैयार हो चुकी हैं।
यहां देखें शकरकंद की कटाई कैसे करें:
मूल लेखः- रोशनी मुथुकुमार
संपादनः अर्चना दुबे
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