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Home गार्डनगिरी पटना में कहीं नहीं मिलते जो पौधे, वे हजारों में बिकते हैं अमृता की टेरेस नर्सरी में

पटना में कहीं नहीं मिलते जो पौधे, वे हजारों में बिकते हैं अमृता की टेरेस नर्सरी में

पटना की अमृता सौरभ यूं तो बचपन से अपने पिता को गार्डनिंग करते देखती थीं, लेकिन ससुराल आकर उन्होंने अपना खुद का गार्डन बनाना शुरू किया और कई देशी-विदेशी सजावटी पौधों से यहां हरियाली फैला दी। अब वह दूसरों के गार्डन डिज़ाइन करने का भी काम कर रही हैं।

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पटना में 'ग्रीन जिंजर' नाम की एक नर्सरी में आपको देशी-विदेशी किस्म के कई सजावटी पौधे मिल जाएंगे। वहां कई पौधों की कीमत तो 15,000 रुपयों तक भी है। मात्र तीन साल पुरानी इस नर्सरी को हमेशा बल्क के ऑर्डर्स मिलते ही रहते हैं। साथ ही यहां तोहफे के लिए मिनिएचर गार्डन और कई दूसरे बेहतरीन प्रोडक्ट्स भी आराम से मिल जाते हैं। 

इस शानदार नर्सरी को चलाती हैं पटना की रहनेवाली एक हाउसवाइफ अमृता सौरभ, जिन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन उनका यह शौक़, उन्हें एक अलग पहचान दिला देगा। 

तीन साल पहले ही उन्होंने अपने गार्डन को नर्सरी में बदला, जिसे लोगों का बेहद प्यार मिला।  

द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं, “लोग मेरे पास दुर्लभ पौधे खरीदने के लिए आते हैं, मुझे ख़ुशी है कि मेरे काम के कारण आज हर जगह हरियाली फ़ैल रही है।"

Amrita Saurabh At Her Nursery In Patna
Amrita Saurabh At Her Nursery In Patna

शादी के बाद शुरू की गार्डनिंग करना

पटना में पली-बढ़ी अमृता के घर में शादी के पहले एक गार्डन हुआ करता था। उनके पिता को भी गार्डनिंग का बेहद शौक़, था लेकिन पढ़ाई के कारण उन्होंने कभी गार्डनिंग को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। शादी के बाद जब उन्होंने देखा कि यहां किसी को गार्डनिंग का ज्यादा शौक़ नहीं, तब उन्होंने कुछ सजावटी पौधे लगाकर धीरे-धीरे गार्डन बनाना शुरू किया। 

बच्चों की देखभाल करने के लिए MBA की पढ़ाई छोड़ने के बाद, अमृता ने गार्डनिंग को ही अपना पैशन बना लिया। अब तो हाल यह है कि अमृता जहां भी जाती हैं कुछ पौधे लेकर ही आती हैं।  

उन्हें हर पौधे की दुर्लभ किस्में इकट्ठा करने का बेहद शौक़ है। इसलिए उन्होंने मात्र ऑर्नामेंटल पौधों पर ही ज्यादा ध्यान दिया। अमृता कहती हैं, “मेरे पास सामान्य  मोनस्टेरा और फिलॉडेंड्रॉन की भी कई विदेशी किस्में हैं। मैं विदेश के भी कई गार्डनिंग ग्रुप से जुड़ी हूँ और हम आपस में पौधे  एक्सचेंज करते रहते हैं।"

अमृता के गार्डनिंग के शौक़ के कारण उनके ससुराल में भी खूबसूरत हरियाली छा गई। अब तो उनके पति भी गार्डनिंग में बेहद रुचि लेने लगे हैं।  

amrita running a nursery home home in patna
Her Beautiful Mini Garden Gift Item

कैसे शौक़ को बदला बिज़नेस में?

समय के साथ अमृता का कलेक्शन इतना बढ़ गया कि वह एक मदर प्लांट से कई पौधे बनाने लगीं, जिसके बाद कई लोग उनके पास से पौधे मांगने आने लगे।  कई ऑफिस वाले तो उन्हें तोहफे के लिए बल्क ऑर्डर भी देते थे। वहीं कुछ लोग उनके पास गार्डनिंग टिप्स लेने आते थे। 

 अमृता कहती हैं, "लॉकडाउन के समय कई लोग अपनी छोटी-छोटी बालकनी में या घर में पौधे लगाने लगे और पौधों के चयन के लिए वे मुझे फ़ोन करते थे। तभी मुझे लगा कि यह बिज़नेस का एक अच्छा विकल्प बन सकता है।" 

उन्होंने अपने इस बिज़नेस को रजिस्टर भी कराया है। अमृता अब लैंडस्केपिंग करके गार्डन बनाने का काम कर रही हैं और घर से ही दुर्लभ पौधे बेच रही हैं। 

kinds doing planting
Amrita's Kids

वहीं, वह मिनिएचर गार्डन भी बेहद खूबसूरत तरीके से बनाती हैं। इस काम से वह घर से ही महीने का 10 हजार से 50 हजार तक कमा रही हैं। अमृता, पटना के हॉर्टिकल्चर विभाग की ओर से होने वाली प्रतियोगिता में भी भाग लेती रहती हैं और कई अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं।  अमृता जल्द ही अपने काम को और बढ़ाने के बारे में सोच रही हैं। वह कहती हैं, “यूं तो मैं सभी को पौधे होम डिलीवरी के तहत भिजवाती हूँ, लेकिन कई लोग बिहार के अन्य राज्यों से मेरी नर्सरी में आने की मांग करते हैं। इसलिए मैं जल्द ही एक नई नर्सरी खोलने की तैयारी कर रही हूँ”  

अपने शौक़ के ज़रिए जिस तरह से उन्होंने अपनी पहचान बनाई है, वह वाकई कबील-ए-तारीफ है। अब तो उनके दोनों बच्चे भी गार्डनिंग के शौक़ीन हो गए हैं और कई पौधों के नाम जान गए हैं। आप अमृता की नर्सरी के बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं।  

हैप्पी गार्डनिंग!

संपादनः अर्चना दुबे

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