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Offbeat Hindi Movies: एक गहरा पाठ पढ़ा जाती हैं, लीक से हटकर बनीं ये 10 फ़िल्में

Offbeat Movies

यह सच है कि फिल्मों को मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया जाता है। लेकिन इसके साथ ही, फ़िल्में हमारे समाज का आइना भी होती हैं। इसलिए बहुत सी ऐसी फ़िल्में भी बनती हैं जिनका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि लोगों को सच्चाई से रूबरू कराना भी होता है। इन फिल्मों की कहानियां, किरदार दर्शकों के मन पर एक छाप छोड़ देते हैं और कहीं न कहीं हम खुद को फिल्म से जोड़ पाते हैं। लीक से हटकर बनी ये फ़िल्में (offbeat hindi movies) बॉक्स ऑफिस पर भले ही धमाल न मचा पाएं पर दर्शकों के दिल में अपनी जगह बना लेती हैं। कई बार उदासी में तो कई बार थकान दूर करने के लिए लोगों का सहारा बन जाती हैं। आज हम आपको ऐसी ही दस फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी कहानी थोड़ी अलग है। ये फ़िल्में आपका मनोरंजन भी करती हैं और आपको यथार्थ से भी जोड़ती हैं। साथ ही, आपके लिए एक संदेश भी छोड़ जाती हैं जिससे अगर आप सीखना चाहें तो बहुत कुछ सीख सकते हैं। 

1. साड्डा अड्डा

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अगर आपने कभी भी हॉस्टल लाइफ जी है तो आप इस फिल्म की कहानी से खुद को जोड़ पाएंगे। यह छह लड़कों की कहानी है, जो एक फ्लैट में रहते हैं। सबके बैकग्राउंड, रहन-सहन और सोच अलग है, लेकिन फिर भी सब एक-दूसरे के साथ रह रहे हैं। यह कहानी है कि कैसे ये छह युवा अपने-अपने हिस्से का संघर्ष करते हुए जिंदगी के सही मायने सीखते हैं। फिल्म हमें सिखाती है कि आपको अपने सपनों तक पहुंचने से कोई और नहीं बल्कि सिर्फ आप खुद रोक सकते हैं। अगर आपने खुद को पहचान लिया है तो फिर आप अपनी मंजिल पा लेते हैं। 

नौकरी और जीवन की भागदौड़ में फंसे लोग इस फिल्म को देखकर एक बार फिर अपने हॉस्टल के दिनों को याद कर सकते हैं। 

2. आंखों देखी 

इस फिल्म में पुरानी दिल्ली के परिवार की कहानी को दिखाया गया है। कहानी राजा बाबू के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक दिन फैसला करते हैं कि वह सिर्फ अपनी आंखों देखी पर भरोसा करेंगे। इसके बाद, उनकी जिंदगी एकदम बदल जाती है। यह फिल्म हमें एक अलग सोच का परिचय देती है। इस फिल्म से आप सीख सकते हैं कि असल दुनिया को देखने के लिए आपको अपनी आंखें खुली रखना बहुत ही ज्यादा जरुरी है। अगर आप सही मायनों में ज़िंदगी को देखेंगे तो यह बहुत खूबसूरत है, आपके आसपास के लोग, रिश्ते बहुत प्यारे हैं। 

इस फिल्म का अंत बहुत से लोगों को अटपटा लग सकता है लेकिन फिल्म की पूरी कहानी आपको बहुत कुछ सिखा जाती है। इसलिए एक बार तो फिल्म देखना बनता है। 

3. मार्गरीटा, विद अ स्ट्रॉ

यह सेरेब्रल पाल्सी नाम की बीमारी से पीड़ित लैला की कहानी है। जो व्हीलचेयर पर चलती है और जिसकी जिंदगी घर, कॉलेज और फ्रेंड्स के साथ गुजरती है। घर में माँ, पिता और भाई हैं। लैला भले ही बीमारी से जूझ रही है लेकिन उनका परिवार हमेशा उन्हें खुशमिजाज रखता है। कहीं न कहीं हमें इस बात का संदेश मिलता है कि अक्षमता से ऊपर उठकर भी जीवन जिया जा सकता है। इसके अलावा, फिल्म में समलैंगिकता को भी दर्शाया गया है। यह फिल्म बहुत ही आसानी से कई बाजिव सवाल दर्शकों से करती है। जैसे कि क्या दिव्यांगों की कोई इच्छाएं नहीं होती?

यह फिल्म दिव्यांगता, समलैंगिकता जैसे विषयों पर आपकी सोच को बढ़ाती है। कहीं न कहीं हम खुद दिव्यांगों के प्रति अपने व्यवहार पर विचारने लगते हैं। साथ ही, हमें सीख मिलती है कि हम सबको पहले खुद को स्वीकारना चाहिए क्योंकि अगर हम खुद को स्वीकार लेंगे तो बहुत कुछ आसान हो जायेगा। 

4. फिल्मीस्तान

यह कहानी सनी नाम के एक लड़के की है जो एक दिन बड़ा एक्टर और स्टार बनना चाहता है। हर दिन वह ऑडिशन देता है लेकिन उसे मौका नहीं मिलता है। हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि एक दिन वह खुद को पाकिस्तान में पाता है। यह फिल्म कहीं न कहीं दिखाती है कि फ़िल्म कैसे दो देशों के बीच एक सेतु बनाये हुए हैं। इस फिल्म में कॉमेडी और साथ ही, कई सीख और संदेश भी। यह फिल्म आपका मनोरंजन भी करती है और कई बार आपको आइना भी दिखाती है। मुश्किल से मुश्किल हालात भी सनी के सपनों की चमक कम नहीं कर पाते हैं। 

5. दसविदानिया

दसविदानिया, मुंबई शहर में रहने वाले एक 37 वर्षीय, अनमैरिड, मिडिल क्लास शख़्स अमर कौल की कहानी है। वह बस एक साधारण भोला-भाला सा इंसान है। एक मध्यम वर्गीय इंसान जो अपनी माँ के साथ अपना सामान्य सा जीवन जी रहा है। एक दिन उसे पता चलता है कि उसके पास जीने के लिए ज्यादा समय नहीं है और यहीं से शुरू होती है उसकी अपने लिए जीने की कहानी। मरने के पहले वह अपनी दस ख्वाहिशों को पूरा करना चाहता है। यह फिल्म देखने लायक इसलिए है क्योंकि इसमें आम आदमी की भावनाओं को अच्छी तरह से व्यक्त किया गया है। वह हमारे जैसा ही लगता है और उसके दर्द को दर्शक अच्छी तरह महसूस कर सकते हैं।

यह फिल्म आपको सिखाती है कि ज़िन्दगी खूबसूरत है और इसे जी लेना चाहिए। 

6. क्या दिल्ली, क्या लाहौर

इस फिल्म की कहानी घटती है हिन्दुस्तान की आज़ादी और देश के बंटवारे के बाद, जहां भारत-पाकिस्तान की सरहद पर लड़ते-लड़ते दोनों ओर के सिपाहियों में से सिर्फ एक-एक सिपाही रह जाता है और फिर भूख और प्यास उन्हें बंदूक की भाषा छोड़कर इंसानियत की भाषा बोलने पर मजबूर कर देती है। यह कहानी उन साधारण लोगों की कहानी है जिन्हें बंटवारे की कीमत चुकानी पड़ी। यह फिल्म दर्शाती है कि अपने घर को खोना क्या होता है? साथ ही, सीख भी देती है कि जो हो गया उसे स्वीकार आगे बढ़ना चाहिए। 

7. फंस गए रे ओबामा

यह एक बिज़नेसमैन की कहानी है, जिस पर दुनियाभर का कर्जा है। एक दिन  उसका अपहरण कर लिया जाता है, यह सोचकर कि फिरौती की रकम बढ़िया मिलेगी। यह फिल्म ऐसे देश के कानून और व्यवस्था पर एक व्यंग्य है, जहां पढ़े-लिखे लोग भी मीडिया के फैलाये प्रोपेगंडा पर आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं। फिल्म देखते हुए आपका अच्छा मनोरंजन भी होगा और साथ ही साथ, फिल्म आपको देश की व्यवस्था पर सवाल उठाती भी नजर आएगी। 

8. क्वीन

कहानी रानी नाम की लड़की की है, जिसकी शादी से एक दिन पहले उसका होने वाला पति शादी से इंकार कर देता है। क्योंकि वह विदेश रहकर आया है और अब उसे लगता है कि रानी उसके स्टैंडर्ड से मैच नहीं करती। हमेशा अपने परिवार के लाड़-प्यार में पली-बढ़ी रानी पहली बार दिल्ली से बाहर यूरोप ट्रिप पर जाती है, जो उन्होंने अपने हनीमून के लिए बुक की होती है। रानी अकेले इस ट्रिप पर जाती है और यह ट्रिप उसकी सोच, उसका नजरिया बदल देती है। 

यह फिल्म सिखाती है कि अगर आप चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं और कई बार खुद को पहचानने के लिए आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ता है। साथ ही, फिल्म संदेश देती है कि दुनिया उतनी भी बुरी नहीं है जितना अक्सर अपने घरों में बैठे हुए हम सोचते हैं। जरुरी नहीं कि बाहर निकलने से, दुनिया देखने से इंसान अपना व्यक्तित्व, अपनी संस्कृति खो देता है। बल्कि हो सकता है कि उसका खुद को और दुनिया को देखने का, समझने का तरीका बेहतर हो जाये। यह फिल्म युवाओं से लेकर माता-पिता को भी देखनी चाहिए। 

9. द लंचबॉक्स 

यह फिल्म कहानी है इला और साजन फर्नांडीस की। इला की एक बेटी है और उसके पति के पास उनके लिए कोई समय नहीं है। वहीं, साजन की पत्नी का देहांत हो चुका है, जिसके बाद वह उम्र से पहले बूढ़े होने लगे हैं। यह कहानी लंचबॉक्स के जरिए आगे बढ़ती है, जो एक दिन डिब्बेवाले की गलती से बदल जाता है और इला का बनाया लंचबॉक्स उसके पति की बजाय साजन के पास पहुंच जाता है। फिल्म की कहानी सरल है लेकिन आपके दिल को छू जाएगी। यह फिल्म आपको सोचने पर मजबूर करती है कि आप अपनी जिंदगी से क्या चाहते हैं? 

साथ ही, आपको बताती है कि कई बार अजनबियों से आपका गहरा रिश्ता जुड़ जाता है जो आपके आसपास के लोगों से भी नहीं जुड़ पाता है। एक बार तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। 

10. फरारी की सवारी

यह फिल्म पिता और बेटे के रिश्ते को दर्शाती है। उनके बीच के अटूट बंधन और एक-दूसरे के लिए प्यार को। फिल्म में पिता अपने बेटे के लिए सबकुछ करना चाहता है और बेटे का सपना है क्रिकेट खेलने का। इस सपने को साकार करने के लिए पिता वह सब कुछ करता है जो उसने सपने में भी नहीं सोचा होता है। फिल्म की कहानी कई बार आपको हंसाएगी तो कभी रुलायेगी। लेकिन आप इस कहानी से एक जुड़ाव महसूस करते हैं। फिल्म में पिता का भोलापन, ईमानदारी और जिंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया एक सुखद अहसास कराता है।

ये फ़िल्में आपको OTT प्लेटफॉर्म या यूट्यूब पर मिल जाएंगी। तो देर किस बात की, इस वीकेंड देखें ये फ़िल्में और इनके अलावा, अगर आपके पास है कोई और फिल्मों के सुझाव तो कमेंट करके बताएं। 

संपादन- जी एन झा

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