MBA की डिग्री कर चुके, सत्यदेव गौतम, जब हरियाणा के पलवल जिले के भिडूकी गाँव के सरपंच बने, तब उन्होंने गाँव में बारिश के पानी को बचाने की मुहीम छेड़ी और आज यह गाँव हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है। जानिये कैसे कर दिखाया गाँववालों ने यह कमाल।
झारखंड के खूंटी में भीषण जल संकट को देखते हुए सेवा वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अजय शर्मा “बोरी बाँध” के विचार के साथ आए। इससे 70 गाँवों के 8000 किसानों के लिए निर्बाध पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हुई।
महाराष्ट्र के मुंबई में रहने वाली मैथिली की कंपनी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए सस्ते और टिकाऊ, आर्टिफिशियल तालाब, जलसंचय बना रही है!
संपत, पिछले 6 वर्षों से बेंगलुरू के जक्कुर इलाके में रहते हैं, लेकिन यहाँ जल आपूर्ति की सुविधा नहीं थी। ऐसी स्थिति में, उन्होंने बोरबेल या टैंकर से पानी उपलब्ध करने के बजाय, इंटरनेट से जानकारी हासिल कर DIY विधि से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को विकसित करने का फैसला किया।