उत्तराखंड की 'ट्रैकिंग गर्ल' देवेश्वरी बिष्ट ने अपनी नौकरी छोड़कर, अपना ट्रेवल स्टार्टअप शुरू किया, जिसके जरिए वह देश-दुनिया को पहाड़ों की संस्कृति और खूबसूरती से परिचित करा रही हैं।
त्रिशूर, केरल के एक दंपति, हरीकृष्णन जे और लक्ष्मी कृष्णा ने साल 2019 में, अपनी नौकरी छोड़ कर देश-दुनिया की यात्रा करने का फैसला किया और अपना यूट्यूब चैनल 'टिनपिन स्टोरीज' शुरू किया। फिलहाल, वे अपनी कार से ही देश के सात राज्यों की यात्रा कर चुके हैं।
आजादी से पहले, चार बंगाली युवकों द्वारा साइकिल पर तय किया गया सफर, यात्रा के प्रति रोमांच, धैर्य और प्रेम को दर्शाता है। 90 सालों से सहेजकर रखी गयी इस डायरी में आसनसोल से लाहौर होते हुए इस यात्रा का पूरा विवरण है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 140 एकड़ में फैले अपने 'जिलिंग एस्टेट' की देखभाल के लिए 78 वर्षीय स्टीव लाल, भारतीय वायु सेना की नौकरी छोड़ कर वापस आ गए थे और तब से वह यहां पर लगाए अपने बाग, जंगल और जीव-जंतुओं की देखभाल कर रहे हैं।
चलिए दिल्ली से लेह तक के रोमांचक सफर में, अलका कौशिक के साथ। इस सफरनामे में, लेह-लद्दाख की ख़ूबसूरती बयान करते हुए, वह आपको वो सारे टिप्स भी देंगी, जो आपकी इस यात्रा के लिए ज़रूरी हैं।
केरल के विजयन और उनकी पत्नी मोहना की केरल में एक छोटी सी चाय की दुकान है। इन दोनों के लिए ज़िंदगी का मतलब है दुनिया की यात्रा करना और अपनी हर एक यात्रा के अनुभव से कुछ सीखना। अब तक, इन दोनों ने साथ में 17 देशों की यात्रा की है। अब आनंद महिंद्रा ने उनकी यात्रा स्पोंसर करने की इच्छा जताई है।
नीदरलैंड के एक विश्वविद्यालय में डीन के तौर पर कार्यरत निशांत शाह फ्लाइट से अपने घर लौट रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि विंडो सीट पर बैठा एक यात्री मिडिल सीट पर बैठी लड़की के साथ छेड़खानी कर रहा है। निशांत ने बिना कुछ सोचे उस आदमी को थप्पड़ जड़ दिया। उन्होंने इस घटना के बारे में सोशल मीडिया पर शेयर किया।
जम्मू-कश्मीर के लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने एक 35-मीटर का पुल (ब्रिज) तैयार किया है। इस ब्रिज के चलते दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धक्षेत्र सियाचिन के बेस कैंप में सेना के वाहन-चालन की गतिविधियां आसान हो जाएँगी।