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पॉजिटिव ख़बरें

महँगी शॉपिंग से ही नहीं, पुराने कपड़ों से भी सजा सकते हैं अपना घर, जानिये कैसे

By निशा डागर

दिल्ली में रहने वाली मीनाक्षी शर्मा पिछले दस सालों से, 'यूज मी' के जरिए लोगों के पुराने और बेकार कपड़ों से सजावट का सामान बनाकर दे रहीं हैं।

पौधों से बना अंडा! अब शाकाहारी भी खा सकेंगे ऑमलेट और एग-रोल

By निशा डागर

मुंबई स्थित स्टार्टअप, इवो फूड्स ने कोलेस्ट्रॉल और एंटीबायोटिक मुक्त वीगन अंडा बनाया है, जो स्वाद, बनावट और प्रोटीन की गुणवत्ता में बिलकुल असली अंडे जैसा है।

इनकी छत पर हैं 3000+ गमले, सब्जियों के साथ उगाते हैं स्ट्रॉबेरी, ड्रैगन फ्रूट, आड़ू जैसे फल

By निशा डागर

करनाल, हरियाणा के रहने वाले रामविलास कुमार, सूखे पत्तों से खाद बनाकर अपनी छत पर बागवानी कर रहे हैं।

अमृतसर: IRS रोहित मेहरा की ट्री एम्बुलेंस, जो करती है पेड़ों के 32 रोगों का ट्रीटमेंट

जैसे इंसानों और जानवरों के लिए डॉक्टर और अस्पताल होते हैं ठीक उसी तरह अमृतसर, पंजाब में IRS ऑफिसर रोहित मेहरा ने पेड़-पौधों के लिए ट्री एम्बुलेंस और अस्पताल की शुरुआत की है।

100 साल पुराना है ‘केसर दा ढाबा’, लाला लाजपत राय और पंडित नेहरू भी थे जिसके मुरीद

By प्रीति महावर

स्वर्ण मंदिर से लगभग 800 मीटर की दूरी पर, चौक पस्सियां की तंग गलियों में स्थित है 100 साल पुराना ‘केसर दा ढाबा’। दाल मखनी और राजमा चावल जैसे असली पंजाबी स्वाद के लिए तो यह मशहूर है ही, पर क्या आप इसका रोचक इतिहास भी जानना चाहेंगे?

'अमूल बटर' से पहले था 'पोलसन' का बोलबाला, जानिए इस मक्खन की कामयाबी के पीछे छिपे राज़

By निशा डागर

अमूल बटर के अस्तित्व में आने से पहले देशभर में सिर्फ 'पोलसन बटर' का बोलबाला था, जिसे बॉम्बे में पोलसन कॉफी कंपनी के मालिक, पेस्तोनजी इडुलजी दलाल ने शुरू किया था।

घर बैठे, ऑनलाइन आवेदन से लग गया सौर सिस्टम और बिजली बिल हो गया जीरो

By निशा डागर

वडोदरा, गुजरात के रहने वाले बशिष्ठ सिंह ने लगभग छह महीने पहले अपनी छत पर ‘ऑन ग्रिड सौर सिस्टम’ लगवाया था, जिससे उनका बिजली बिल जीरो हो गया है।

उत्तराखंड के 78 वर्षीय पूर्व IAF पायलट स्टीव लाल ने दिन-रात संघर्ष कर बचाया 140 एकड़ जंगल

By निशा डागर

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में 140 एकड़ में फैले अपने 'जिलिंग एस्टेट' की देखभाल के लिए 78 वर्षीय स्टीव लाल, भारतीय वायु सेना की नौकरी छोड़ कर वापस आ गए थे और तब से वह यहां पर लगाए अपने बाग, जंगल और जीव-जंतुओं की देखभाल कर रहे हैं।

जानिये कैसे! ‘ऑल-विमन कैंटीन’ ने बढ़ाया 3 हजार रूपये के बिजनेस को 3 करोड़ रूपये/वर्ष तक

By प्रीति महावर

मुंबई में साल 1991 में एक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत ‘श्रमिक महिला विकास संघ’ ने 300 से अधिक जरूरतमंद महिलाओं को सशक्त बनाया है। यह पहल, महिलाओं को एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जिसमें वे अपनी पाक-कला का उपयोग कर अपनी आजीविका अच्छे से चलाने में सक्षम बन रही हैं।