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पर्यावरण

घर की डेढ़ एकड़ बंजर ज़मीन पर उगाया जंगल, 30 वर्षों में लगाए 1000+ पेड़-पौधे

By निशा डागर

केरल के ऐलप्पी (Alleppey) में मुहम्मा के रहने वाले 75 वर्षीय केवी दयाल ने अपने घर के चारों ओर एक घना जंगल खड़ा कर दिया है।

बाजार से क्यों खरीदें? जब घर पर ही मुफ्त में बना सकते हैं प्राकृतिक 'लूफा'

By निशा डागर

कानपूर की रहने वाली, अल्पना ठाकुर पिछले दो साल से अपनी जीवनशैली को इको-फ्रेंडली बनाने में जुटी हैं और हाल ही में, उन्होंने 'प्राकृतिक लूफा' बनाया है।

अपनी ही ज़मीन से निकली मिट्टी से बनाया घर, लगाए 800 पेड़-पौधें, न AC, न कूलर, न बिजली बिल

By निशा डागर

तमिलनाडु में पोल्लाची के एक गाँव के रहने वाले रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं, जहाँ उनके बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है।

पुराने घरों से निकलने वाले खिड़की-दरवाजों से बनाते हैं नया फर्नीचर

By निशा डागर

कर्नाटक के मंगलौर में रहने वाले 32 वर्षीय समरान अहमद, पुराने घरों और इमारतों से निकलने वाली सालों पुरानी लकड़ी की चीजों को फिर से इस्तेमाल करके, नया फर्नीचर और नयी उपयोगी चीजे बनाते हैं।

पूर्व-आर्मी डॉक्टर ने शुरू किया अभियान, टीम के साथ मिलकर लगाए 60 हजार पेड़-पौधे

By निशा डागर

कैंसर को मात देकर, पूर्व-आर्मी डॉक्टर नितिन पांडे ने अपनी टीम के साथ मिलकर देहरादून में 'सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून' की शुरुआत की।

तवा से लेकर टेबल तक, इनका पूरा घर सजा है पुरानी बेकार चीज़ों से, आप भी सीखिए

By निशा डागर

बेंगलुरु की रहने वाली सुशीला राय एक होम बेकर और केक आर्टिस्ट हैं, लेकिन इसके साथ ही, उनके जानने वाले उन्हें 'जुगाड़ क्वीन' भी कहते हैं क्योंकि, पुरानी-बेकार चीजों को नया रूप देकर फिर से इस्तेमाल में लेने में वह माहिर हैं।

"धान के लिए जितना पानी लेता हूँ, उसका 4 गुना जमीन को वापस देता हूँ"

By निशा डागर

करनाल, हरियाणा में रहने वाले 32 वर्षीय किसान, नरेन्द्र कम्बोज अपने खेत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाकर, अपनी फसल और पानी, दोनों बचा रहे हैं।

सामान्य साइकिल को बदला सोलर साइकिल में, न पेट्रोल की चिंता न प्रदूषण की

By निशा डागर

वारंगल जिले में गोपालपुरम गाँव के रहने वाले राजू मुप्परापु ने एक सामान्य साइकिल में बदलाव करके इसे सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल में तब्दील कर दिया है। इससे पहले भी वह कई आविष्कार कर चुके हैं।

वीकेंड पर लेती हैं खाने के ऑर्डर, उन पैसों से खिलाती हैं बेसहारा जानवरों को खाना

By निशा डागर

लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।

बच्चों की पहल, घर घर प्लास्टिक इकट्ठा कर, बना दिए पब्लिक बेंच

By निशा डागर

फरीदाबाद में ऑटो पिन स्लम में रहने वाले 20-25 बच्चों ने पहले साथ में मिलकर प्लास्टिक की खाली-बेकार पड़ी बोतलों और अन्य कचरे से 300 से भी ज्यादा 'इको ब्रिक' बनाई हैं और इन इको ब्रिक का इस्तेमाल उन्होंने अपने स्लम में 'इको बेंच' बनाने के लिए किया है।