छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले चित्रसेन साहू ने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। इस वीडियो में देखिये उनकी कहानी उन्ही की ज़ुबानी।
हरियाणा के झज्जर जिले में ससरोली गाँव से ताल्लुक रखने वाले रेसलर विरेंदर सिंह को ज़्यादातर लोग, 'गूंगा पहलवान' के नाम से जानते हैं। वे भारत के सबसे सफल पहलवानों में से एक हैं। उन्होंने चार डेफलिम्पिक्स गेम्स और दो वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में 3 गोल्ड, 1 सिल्वर और 2 ब्रोंज मेडल जीते हैं।
दिल्ली सरकार ने राजधानी में दिव्यांग-अनुकूल बस चलवाने का फ़ैसला किया है। इस पहल के पायलट स्टडी के लिए फ़िलहाल 25 बस शुरू होंगी और ऐसी कुल 1, 000 बसें अक्टूबर के महीने तक पूरे शहर भर में दौड़ने लगेंगी। जब पूरी दुनिया में ट्विटर पर #ThingsDisabledPeopleKnow पर बात हो रही है तो यह बहुत ही अच्छा कदम है।
महाराष्ट्र में पुणे के बारामती शहर की निवासी 16 वर्षीय मयूरी पोपट यादव ने अपने दिव्यांग भाई के लिए एक खास व्हीलचेयर-कम-साइकिल बनाई है। जिसकी मदद से अब उसके भाई को स्कूल आने-जाने में तकलीफ़ नहीं होगी। इस प्रोजेक्ट में मयूरी के स्कूल में उसे पूरा समर्थन मिला।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के रंगोली गाँव के 27 वर्षीय अमोल संखन्ना एक एथलीट, क्रिकेटर और एक स्पोर्ट्स टीचर हैं। बचपन में हुई एक सड़क दुर्घटना में अमोल के दाहिने पैर की पाँचों उंगलियाँ चली गयी और अब वे लगभग 40% विकलांग हैं। उनका सपना पैरा-ओलंपिक में पदक जीतने का है।
महाराष्ट्र के स्वागत थोराट, फरवरी 2008 से भारत का पहला ब्रेल अख़बार 'स्पर्शज्ञान' चला रहे हैं। मराठी भाषा में प्रकाशित हों वाला 50 पन्नों का यह अख़बार, हर महीने की 1 तारीख़ और 15 तारीख़ को प्रकाशित होता है। स्वागत थोराट पेशे से स्वतंत्र पत्रकार और थियेटर निर्देशक रहे हैं।
मुंबई में एक 15-वर्षीय दृष्टिहीन लड़की अपने पिता के साथ कल्याण से दादर के लिए लोकल ट्रेन में सफ़र कर रही थी। तभी विशाल बलिराम सिंह नाम का एक लड़का उसे गलत तरीके से छूने लगा। पर इस बहादुर लड़की ने घबराने की बजाय आरोपी को अच्छा सबक सिखाया और पुलिस के हवाले कर दिया।