संदीप के पास 250+ पेड़-पौधे हैं। अपने बच्चे को प्रकृति के करीब रखने के लिए उन्होंने टेरेस गार्डन को प्ले गार्डन बना दिया है, जहाँ स्विमिंग पूल से लेकर स्लाइडर तक है।
रवि के छोटे भाई अक्षय शर्मा भी एक निजी यूनिवर्सिटी में जाॅब कर रहे थे। पर रवि की सफलता को देखते हुए अब उन्होंने भी नौकरी छोड़कर भाई का साथ देने का फैसला लिया है।
उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ में जरारा गाँव के रहने वाले अभिनव गोस्वामी, साल 2007 से अमेरिका में रह रहे थे। पर अपने देश के लिए कुछ करने का जज़्बा उन्हें वापिस अपने वतन ले आया। यहाँ आकर उन्होंने जैविक खेती, डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन आदि शुरू किया। उनका उद्देश्य बच्चों को स्किल बेस्ड शिक्षा देना है।
केवल 20 वर्षीय राजस्थान के किसान नारायण लाल धाकड़ बी. ए तृतीय वर्ष के छात्र हैं! युट्यूब पर उनके चैनल 'आदर्श किसान सेंटर' के 3 लाख से भी ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं, जहाँ वे अपने नए आविष्कारों की जानकारी देते हैं!
असम के रहने वाले तेनज़िंग बोडोसा चाय कि जैविक खेती करते हैं। सिर्फ़ चाय की खेती से उनकी सालाना कमाई 60-70 लाख रूपये है। चाय के अलावा वे फल-सब्ज़ियाँ और धान भी उगाते हैं। तेनज़िंग की चाय आज कनाडा, यूके, युएस जैसे देशों में भी मशहूर है।
हरियाणा के सैयदपुर गांव में एक किसान के परिवार में पैदा हुए, विपिन राव यादव आज हीड्रोपोनिक्स खेती कर हैं। यह खेती मिट्टी के बिना एक पॉलीहाउस में की जाती है। वीपिन ने हाइड्रोपोनिक्स और अन्य नई प्रौद्योगिकियों के बारे में सीखा जो खेती में चमत्कार कर सकते थी।
राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार किये गये वेस्ट डीकम्पोज़र से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से किसान खेतों की उर्वरकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही, इसे किचन आदि से निकलने वाले कचरे में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकम्पोज़र की शीशी आपको मात्र 20 रूपये में मिल जाएगी।
तमिलनाडु में चेन्नई निवासी अंजू अगरवाल के टेरेस गार्डन में 50 से भी ज्यादा पेड़ हैं। इनमें शामिल हैं, टमाटर, गाजर, चकुंदर, पलक आदि। उन्होंने 'द आर्गेनिक गार्डन फाउंडेशन' की शुरुआत की है और साथ ही उन्होंने अभी ऑर्गनिक साबुन बनाकर बेचना शुरू किया है।