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कश्मीर

YouTube से सीखा डिज़ाइनर मोमबत्तियां बनाना और घर बैठे शुरू हो गया बिज़नेस

By निशा डागर

श्रीनगर में रहनेवाली 25 वर्षीया इंजीनियर, महक परवेज़ ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान, घर पर ही तरह-तरह की डिज़ाइनर मोमबत्तियां बनाना शुरू किया था। अब अपनी बनाई मोमबत्ती को वह ‘shamaaque_by_mehak’ के जरिए ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं।

जानिए कैसे एक 90 साल पुरानी डायरी से खुला, कोलकाता से कश्मीर तक की साइकिल यात्रा का राज़

By निशा डागर

आजादी से पहले, चार बंगाली युवकों द्वारा साइकिल पर तय किया गया सफर, यात्रा के प्रति रोमांच, धैर्य और प्रेम को दर्शाता है। 90 सालों से सहेजकर रखी गयी इस डायरी में आसनसोल से लाहौर होते हुए इस यात्रा का पूरा विवरण है।

इस कश्मीरी टूरिस्ट गाइड ने अपनी जान देकर बचायी पांच पर्यटकों की जान!

By निशा डागर

रौफ़ तुरंत तैरकर किनारे पर आ गये थे, लेकिन जब उन्होंने देखा कि बाकी पर्यटक अपनी ज़िंदगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो उन्होंने फिर एक बार नदी में छलांग लगा दी।

3000 से भी ज़्यादा कारीगरों को रोज़गार देकर, 'पश्मीना' की विरासत को सहेज रहा है यह कश्मीरी युवक!

By निशा डागर

कश्मीर में श्रीनगर के रहने वाले 29 वर्षीय जुनैद शाहदार ने पश्मीना की विरासत और संस्कृति को सहेजने के लिए 'फम्ब' नाम से एक ऑनलाइन स्टार्टअप शुरू किया है। फम्ब फैशन हाउस से आप हाथ से बनी पश्मीना शॉल, स्कार्फ़, ब्लेज़र आदि खरीद सकते हैं। उनके इस स्टार्टअप से आज 3, 000 हाथ के कारीगरों को रोज़गार मिल रहा है।

अपने कश्मीर को दोबारा 'जन्नत' बनाना चाहती हैं, डल झील की सफ़ाई में लगी 6-साल की जन्नत!

By मानबी कटोच

तारीक़ ने अब फेसबुक पर ‘मिशन डल लेक’ नामक एक पेज की भी शुरुआत की हैं, जहाँ वो लोगों से मदद की अपील करते हैं। अगर आप जन्नत और उनके बाबा की डल को बचाने में मदद करना चाहते हैं, तो उनके इस पेज से ज़रूर जुड़े। यदि आप श्रीनगर में रहते हैं तो उनकी इस मुहिम में शामिल भी हो सकते हैं।

कश्मीर: भारी बर्फ़बारी के बीच भारतीय सेना ने गर्भवती महिला को पहुँचाया अस्पताल!

By निशा डागर

8 फरवरी 2019 को उत्तर-कश्मीर के बांदीपुर जिले में भारतीय सेना ने एक गर्भवती महिला को भारी बर्फ़बारी के बीच उसे अस्पताल पहुँचाया। वे उसे ढाई किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर उठाकर लेकर गये और वहाँ से उसे अस्पताल पहुँचाया गया। यहाँ महिला ने जुड़वाँ बच्चियों को जन्म दिया।

पगड़ी को पट्टी की तरह इस्तेमाल कर बचायी जान; वाकई इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता!

By निशा डागर

जम्मू-कश्मीर में त्राल तहसील के देवर गाँव के निवासी, मंजीत ने एक सड़क दुर्घटना में खून से लथपथ औरत की जान बचाने के लिए अपनी पगड़ी उतारकर उसे पट्टी की तरह इस्तेमाल किया ताकि उस औरत का खून और ज्यादा ना बहे। अवंतीपोरा में एक 45 वर्षीय औरत को तेज रफ़्तार से आ रहे एक ट्रक ने टक्कर मार दी।

अजीत डोभाल: भारत का वह पहला आईपीएस अफ़सर जिसे मिला था कीर्ति चक्र!

By निशा डागर

केरल कैडर में 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी और आईबी के पूर्व अध्यक्ष रहे अजीत कुमार डोभाल, जो कि वर्तमान में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उन्हें वर्तमान सरकार ने स्ट्रेटजिक पुलिस ग्रुप के प्रमुख अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। इसके बाद वे देश के सबसे ताकतवर अधिकारी बन गये हैं।

केरल के लिए यूएई से 700 करोड़ न लेने की यह है असली वजह!

By निशा डागर

केरल में भयानक बाढ़ के कारण होने वाले विनाश के बाद, राज्य सरकार को राहत और पुनर्वास के लिए 2600 करोड़ रुपये की जरूरत है। इस बीच, संयुक्त अरब अमीरात ने 700 करोड़ रुपये की मौद्रिक सहायता का वादा किया है। लेकिन केंद्र संयुक्त अरब अमीरात सरकार की सहायता को स्वीकार नहीं कर सकता है।

कश्मीर में शहीद हुए मेजर कौस्तुभ को हज़ारों की संख्या में लोगों ने दी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि!

By निशा डागर

मंगलवार को कश्मीर के श्रीनगर से 125 कोलीमेटर दूर बांदीपोरा ज़िले में एलओसी पर हुए एनकाउंटर में शहीद होने वाले चार भारतीय सैनिकों में से एक 29 वर्षीय मेजर कौस्तुभ राणे भी थे। मुंबई के मीरा रोड से ताल्लुक रखने वाले राणे को इसी साल जनवरी में मेजर की पोस्ट पर पदोन्नति मिली थी।