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E-Waste to Eco-Art: बेकार पड़े गैजेट्स से बना दी पेंटिंग, ज्वेलरी, घड़ी जैसी चीजें

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।

प्लास्टिक के बदले 250 बच्चों को मुफ़्त शिक्षा, किताबें और खाना दे रहा है यह स्कूल!

By निशा डागर

प्लास्टिक के कचरे को इकट्ठा कर स्कूल के गेट के पास रखे डस्टबिन में डालने के अलावा, बच्चे सड़क के दोनों ओर लगे 2, 000 पौधों को पानी भी देते हैं।

मंदिर के कचरे में ढूंढा व्यवसाय का खज़ाना, खड़ा कर दिया करोड़ों का कारोबार!

By निशा डागर

साल 1998 से अम्बा जी मंदिर के बिल्कुल बाहर रामी की दुकान है, जहाँ आज वे दो हज़ार से भी ज़्यादा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स बेचते हैं!

20 रूपये की यह अनोखी शीशी किसानों को लाखों कमाने में मदद कर रही है, जानिए कैसे!

By निशा डागर

राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार किये गये वेस्ट डीकम्पोज़र से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से किसान खेतों की उर्वरकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही, इसे किचन आदि से निकलने वाले कचरे में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकम्पोज़र की शीशी आपको मात्र 20 रूपये में मिल जाएगी।

केवल प्लास्टिक के कचरे का सही प्रबंधन करके इस पंचायत ने कमाए 63 हज़ार रूपये!

By निशा डागर

केरल में इडुक्की जिले के नेदुमग्न्दम पंचायत ने हाल ही में, लगभग 4200 किलोग्राम रीसाइकल्ड प्लास्टिक कचरे को तारकोल बनाने वाली कंपनियों को बेचकर लगभग 63000 रूपये की कमाई की है। इस रीसाइकल्ड प्लास्टिक को तारकोल के साथ मिलाकर सड़क बनाने के लिए 'क्लीन केरल कंपनी' द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

कचरे से संगीत पैदा करते 'धारावी रॉक्स बैंड' के होनहार बच्चे!

By मानबी कटोच

कई फ़ालतू चीज़े जिन्हें हम कचरा समझ कर फेंक देते है, उनमे से ये बच्चे संगीत पैदा करते है। मिलिए धारावी रॉक्स बैंड के इन बच्चो से !