केवल प्लास्टिक के कचरे का सही प्रबंधन करके इस पंचायत ने कमाए 63 हज़ार रूपये!

केरल में इडुक्की जिले के नेदुमग्न्दम पंचायत ने हाल ही में, लगभग 4200 किलोग्राम रीसाइकल्ड प्लास्टिक कचरे को तारकोल बनाने वाली कंपनियों को बेचकर लगभग 63000 रूपये की कमाई की है। इस रीसाइकल्ड प्लास्टिक को तारकोल के साथ मिलाकर सड़क बनाने के लिए 'क्लीन केरल कंपनी' द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

केरल में इडुक्की जिले के नेदुमग्न्दम में जिस तरह से प्लास्टिक के कचरे का प्रबन्धन किया जा रहा है, वह यकीनन काबिल-ए-तारीफ़ है।

नेदुमग्न्दम पंचायत ने हाल ही में, लगभग 4,200 किलोग्राम रीसाइकल्ड प्लास्टिक कचरे को तारकोल बनाने वाली कंपनियों को बेचकर लगभग 63, 000 रूपये की कमाई की है। इस रीसाइकल्ड प्लास्टिक को तारकोल के साथ मिलाकर सड़क बनाने के लिए ‘क्लीन केरल कंपनी’ द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

‘क्लीन केरल कंपनी’ राज्य सरकार की एक पहल है। इस रीसाइकल्ड प्लास्टिक के प्रोसेसिंग प्लांट के आस-पास बने घरों को कचरे द्वारा उत्पन्न बिजली भी मुफ़्त प्रदान की जा रही है।

पंचायत यहाँ के घरों, स्कूलों, और अस्पतालों से हरितसेना की मदद से प्लास्टिक और नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे को इकट्ठा करवाती है। बाद में, प्लास्टिक को रीसायकल कर के क्लीन केरल कंपनी को बेच दिया जाता है। बाद में यही कंपनी उचित दामों पर प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों को आगे इसे बेच देती है।

इसके अलावा राज्य सरकार ने पंचायत को एक बायो-गैस प्लांट लगाने की भी अनुमति दे दी है ताकि लोगों को बिजली और खाना बनाने के लिए गैस प्रदान की जा सके। सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रूपये देने के लिए कहा है।

पंचायत ने लगभग 10,000 किलोग्राम प्रोसेस्ड प्लास्टिक कचरा और 3,000 किलो ऑर्गनिक खाद भी जमा करके रखा है ताकि उसे बेचा जका सके और इस पैसे को आगे उत्थान-कार्यों में लगाया जा सके।

बेशक, केरल के इस छोटे-से इलाके का यह मॉडल पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।

मूल लेख: रिनचेन नोरबू वांगचुक

कवर फोटो 


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X