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नेत्रहीन होते हुए भी बखूबी चलाते हैं मसालों का बिज़नेस, औरों को भी दिया रोज़गार

By प्रीति टौंक

बनारस के सत्यप्रकाश मालवीय सिर्फ 25 साल के हैं. उन्होंने बचपन में ही अपनी आँखों की रौशनी खो दी थी, लेकिन जज़्बा ऐसा कि आज अपने साथ-साथ 10 और महिलाओं व दिव्यांगजनों को रोजगार देने में सक्षम हैं।

परिवार के डेयरी फार्म को आगे बढ़ाने वाली 21 वर्षीया श्रद्धा धवन, कमातीं हैं 6 लाख रुपये/माह

By प्रीति महावर

महाराष्ट्र में अहमदनगर के निघोज गांव की श्रद्धा धवन ने 11 साल की उम्र में परिवार के डेयरी फार्म की जिम्मेदारी उठाई थी। आज 6 लाख रूपये/ माह आय के साथ, दो मंजिला मवेशी शेड में 80 भैंसों के दूध से प्रति दिन 450 लीटर दूध बेचती हैं।

एक IPS की श्रद्धांजलि, शहीद हेड कांस्टेबल की याद में शुरू किया मुफ़्त बुक-बैंक

By द बेटर इंडिया

छत्तीसगढ़ के युवा IPS सूरज सिंह परिहार मुफ़्त बुक-बैंक पहल से हजारों युवाओं की मदद कर रहे हैं।

किसानों से खरीद ग्राहकों के घर तक पहुंचा रहे हैं सब्ज़ियाँ, वह भी बिना किसी कमीशन के!

By निशा डागर

हर दिन सुबह 6 से 10 बजे तक युवाओं की यह टीम लोगों के घरों पर सब्ज़ियाँ पहुंचाती है। पिछले एक महीने में उन्होंने लगभग 115 परिवारों को अपनी सेवाएं दी हैं!

इस दौर में निवेश? CA से जानिए किन 5 गलतियों से बचना है ज़रूरी!

अनंत लड्ढा कहते हैं "वे दिन अब गए जब एजेंट मास्टर हुआ करता था, आज के समय में निवेशक ही बादशाह है।” अनंत ने पिछले तीन साल से भी कम समय में 20,000 से अधिक लोगों को फाइनेंशियल एजुकेशन दी है।

ज़रूरतमंद बच्चों का मॉल है रांची का 'महाबाज़ार,' यहाँ बच्चे खरीदते हैं अपनी मनपसंद चीजें!

By निशा डागर

इस संगठन की शुरुआत साल 2014 में दसवीं कक्षा के 4 छात्रों ने की थी और आज लगभग 70 युवा इस संगठन से जुड़े हुए हैं!

गूगल मैप पर भी नहीं है जिन गांवों का निशान, वहां बिजली पहुंचा रहा है यह इंजीनियर!

By निशा डागर

लद्दाख के सुमदा चेंमो गाँव में जब पारस लूम्बा और उनकी टीम ने बिजली लगाई तो जलते हुए बल्ब को देखकर एक बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा घर रात में भी रौशन हो सकता है।"

संडे को क्या करते हैं आप? हरियाणा के ये युवा करते हैं 2 घंटे का श्रमदान!

By निशा डागर

इन युवाओं ने गाँव में पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने, महिलाओं के लिए खेल प्रतियोगिता आयोजित करने और बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कॉलरशिप देने की भी शुरुआत की है!

पॉकेट मनी इकट्ठा कर गरीब बच्चों को जूते, कपड़े और स्टेशनरी बाँट रहे हैं ये युवा!

By निशा डागर

सरकारी स्कूल के बच्चों को ठंड में बिना स्वेटर और नंगे पैर स्कूल आता देख इन युवाओं ने उनके लिए कुछ करने की ठानी!