घर के हर कबाड़ को काम का समझते हैं श्री मुक्तसर साहिब, पंजाब के रहनेवाले 18 वर्षीय जुगाड़ू कारीगर प्रज्जवल सोनी, जिन्होंने बड़ी सामान्य सी चीजों के इस्तेमाल से एक से बढ़कर एक काम की चीज़ें बनाई हैं।
मालेगांव के समीप स्थित एक छोटे से गांव तारपाडा के रहनेवाले युवा किसान कमलेश, खेती को आसान बनाने के लिए जुगाड़ बनाते थे। अपने जुगाड़ को और किसानों तक पहुंचाने की सोच के साथ, वह 'Shark Tank India' में गए थे।
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद के पिपरिया के पास डोकरीखेड़ा गांव में रहने वाली 14 वर्षीया नवश्री ठाकुर ने रसोई का काम आसान करने के लिए एक बहुपयोगी मशीन बनाई है।
बिहार के भागलपुर जिला नवगछिया के रहने वाले अभिषेक भगत ने 'रोबोकुक' नामक खाना बनाने वाला रोबोट बनाया है, जिसे आपको सिर्फ ऑर्डर देने की जरुरत है और आपका मनपसंद खाना तैयार हो जाएगा।
मुंबई में रहने वाले शिव कंपानी ने आगजनी की घटनाओं को देखते हुए, ‘Sensafe’ नाम की एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे आगजनी के किसी भी खतरे से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सकता है।
हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अर्श शाह दिलबगी ने महज 16 साल की उम्र में ‘टॉक’ नाम से एक ऐसे यंत्र को बना डाला था, जो एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस और पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों की वजह से अपनी आवाज खो बैठे लोगों को साँसों के जरिए बोलने में मदद कर सकती है।
इस ईंधन को किसान घरों में तो इस्तेमाल करते ही हैं और साथ ही, बाकी को 7 रुपये से लेकर 10 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से बाज़ार में बेच एक अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं!