यह घटना 13 जून 2018 की है। मुंबई स्थित बोमोंडे टावर्स के 32 वीं मंजिल पर, शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई। 10 दमकलों को इस आग पर काबू पाने में 5 घंटे लग गए। इस दौरान 90 से अधिक लोगों को बचाया गया। इनमें शिव कंपानी के दादा-दादी भी शामिल थे, जिन्हें अपनी सुरक्षा के लिए 20 मंजिलों से सीढ़ियों से आना पड़ा।
यहाँ धीरे-धीरे सबकुछ सामान्य होने लगा था और लोग यहाँ वापस रहने के लिए आ रहे थे। लेकिन, दुर्भाग्य देखिए कि ठीक उसी साल, दिवाली के मौके पर, इसके ठीक सामने वाले अपार्टमेंट में 30वीं मंजिल पर आग लग गई।
इन घटनाओं ने 16 वर्षीय शिव को इस भीषण समस्या के व्यावहारिक समाधान को खोजने के लिए प्रेरित किया।
शिव ने इंटरनेट पर थोड़ा शोध-अध्ययन किया। जिसके बाद उन्हें ज्ञात हुआ कि मुंबई जैसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में यह समस्या आम है।
इस विषय में उन्होंने बताया, “शोध के दौरान मैंने गौर किया कि यहाँ आगजनी की घटनाएं सामान्य हैं। लेकिन, शुरुआती क्षणों में ये ज्यादा वीभत्स नहीं होते हैं। समय पर प्रतिक्रिया से फलस्वरूप इस पर आसानी से काबू पाया जा सकता है और भारी क्षति से बचा जा सकता है।”
वह कहते हैं कि यदि आग लगते ही फायर डिपार्टमेंट को इसकी सूचना मिल जाए, तो कई बड़े हादसों को रोका जा सकता है।
इसी को देखते हुए, शिव ने एक ऐसे उपकरण को बनाना शुरू किया, जो आगजनी के किसी भी खतरे से पहले ही लोगों को सचेत कर सके। फिर, कुछ महीनों के शोध के बाद, उन्होंने अपने “सेनसेफ” नाम के एक उपकरण को विकसित किया।
यह एक ऐसा उपकरण है जो धुएं, एलपीजी, और अन्य ज्वलनशील गैसों के स्तर महसूस कर सकता है और किसी भी खतरे की स्थिति में अलार्म बजाता है।
क्या थी चुनौतियाँ
फिलहाल धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रहे शिव कहते हैं, “मैंने इस उपकरण का पेटेंट दायर कर दिया है। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण अभी कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। फिलहाल, मैं एक प्रिंटेड सर्किट बोर्ड डिजाइन कर रहा हूँ, ताकि तारों की कोई बाध्यता न रहे।”
वह बताते हैं कि मेरी ओर से सबकुछ तैयार है और उन्हें यकीन है कि उन्हें जल्द ही संबंधित विभाग से हरी झंडी मिल जाएगी।
“मैंने अपने शोध में पाया कि गैस लीक और देरी से प्रतिक्रिया, इस तरह की अधिकांश घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। इसलिए मेरे अपने उपकरण को इन दोनों समस्याओं से निपटने के लिए बनाया है,” वह कहते हैं।
सेनसेफ उपकरण हथेली की आकार का है। इसे घर में कहीं भी आसानी से फिट किया जा सकता है। गैस लीक या आग लगने की स्थिति में यह घर में धुएं के स्तर को पढ़ता है और इसकी तुलना पूर्व निर्धारित मानकों से करता है।
शिव बताते हैं, “किसी भी आपात स्थिति में, उपकरण आपके मोबाइल पर एक एसएमएस या ई-मेल भेजता है। यहाँ तक कि आग लगने की स्थिति में यह आपको स्वतः फोन भी कर सकता है।”
अपने शोध के दौरान, उन्होंने यह भी पाया कि आगजनी के अधिकांश मामलों में घर पर कोई नहीं होता है। इसलिए यदि घर में अलार्म बजता भी है, तो इसका कोई लाभ नहीं है।
इस तरह, अपने उपकरण को मूर्त रूप देने से पहले कई प्रयोग किए।
वह कहते हैं, “मैंने जो पहला प्रोटोटाइप बनाया था, वह केवल एसएमएस और ई-मेल भेज सकता था। मैंने इस पर और काम किया और ऐसा प्रोटोटाइप बनाया, जो किसी भी अनहोनी की स्थिति में नामित व्यक्ति को स्वतः फोन करने में सक्षम हो।”
शिव फिलहाल, अपने उपकरण को बढ़ावा देने के लिए कई रियल एस्टेट कंपनियों के साथ बात कर रहे हैं।
वह कहते हैं, “सबकुछ ठीक चल रहा था। लेकिन, कोरोना महामारी ने हर चीज पर ब्रेक लगा दिया है। अब परिस्थितियाँ धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। मुझे यकीन है कि अपार्टमेंट में बड़े पैमाने पर सेनसेफ को लगाया जाएगा और लोगों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिलेगी।”
शिव अंत में कहते हैं, “अपनी आँखों से आगजनी की घटनाओं को देखकर मैं अंदर से हिल गया था। मैं अपनी जिंदगी में इन घटनाओं को फिर कभी नहीं देखना चाहता। अपने इस प्रयास से, मैं अपने साथ-साथ दूसरों की भी मदद कर सकूंगा।”
आप शिव के उपकरण को यहाँ खरीद सकते हैं और यदि आप उनसे संपर्क करना चाहते हैं, तो उनका मेल आईडी scatterinnovations@gmail.com है।
मूल लेख – VIDYA RAJA
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