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नौकरी के साथ शुरू किया बिज़नेस, बैरल-टायर से बनाते हैं अनोखे फर्नीचर

By निशा डागर

महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले 29 वर्षीय प्रदीप जाधव, साल 2018 से अपना फर्नीचर और होम डेकॉर का बिज़नेस चला रहे हैं। उनके स्टार्टअप का नाम ‘Gigantiques’ है, जिसके अंतर्गत, वह इंडस्ट्रियल वेस्ट को अपसायकल करके, फर्नीचर और होम डेकॉर का सामान बनाते हैं।

तवा से लेकर टेबल तक, इनका पूरा घर सजा है पुरानी बेकार चीज़ों से, आप भी सीखिए

By निशा डागर

बेंगलुरु की रहने वाली सुशीला राय एक होम बेकर और केक आर्टिस्ट हैं, लेकिन इसके साथ ही, उनके जानने वाले उन्हें 'जुगाड़ क्वीन' भी कहते हैं क्योंकि, पुरानी-बेकार चीजों को नया रूप देकर फिर से इस्तेमाल में लेने में वह माहिर हैं।

सिविल इंजीनियर से बन गए 'लखनऊ कबाड़ीवाला,' प्रतिमाह कमाई 70000 रुपए

By निशा डागर

लखनऊ, उत्तर-प्रदेश में रहने वाले 29 वर्षीय ओम प्रकाश प्रजापति, सिविल इंजीनियर के तौर पर बनारस में नौकरी कर रहे थे। लेकिन, लॉकडाउन में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपना स्टार्टअप, 'लखनऊ कबाड़ीवाला' शुरू किया।

महँगी शॉपिंग से ही नहीं, पुराने कपड़ों से भी सजा सकते हैं अपना घर, जानिये कैसे

By निशा डागर

दिल्ली में रहने वाली मीनाक्षी शर्मा पिछले दस सालों से, 'यूज मी' के जरिए लोगों के पुराने और बेकार कपड़ों से सजावट का सामान बनाकर दे रहीं हैं।

क्लीन कुन्नूर: सालों से गंदा नाला बनी नदी को किया साफ, बाहर निकाला 12 हज़ार टन कचरा

By निशा डागर

साल 1930 से ओट्टुपट्टारई में कुनूर शहर का डंपयार्ड रहा है लेकिन नागरिकों और प्रशासन के कुछ महीने के प्रयासों से ही आज यहाँ वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट और एक खूबसूरत पार्क है!

इंदौर के IAS ने सरस्वती नदी के 2 किमी इलाके को बनाया 100% मैला मुक्त, जानना चाहेंगे कैसे?

By पूजा दास

सरस्वती नदी का दो किलोमीटर का इलाका पूरी तरह मैला मुक्त और जलीय जीवन से संपन्न हैं। इसका पूरा श्रेय इंदौर नगर आयुक्त, आशीष सिंह को जाता है।

कार्टन से स्कूल डेस्क बना रही हैं मुंबई की मोनिशा, हर साल 750 टन कचरा होता है रीसायकल!

By पूजा दास

2012 में, ‘गो ग्रीन विद टेट्रा पैक’ के तहत ‘कार्टन ले आओ, क्लासरूम बनाओ’ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत, बेकार टेट्रा पैक को रीसायकल कर बेंच बनाया गया और ये बेंच सरकारी स्कूलों को दान दिए गए।

आधी लागत पर मिट्टी और वेस्ट से बनी ये इमारतें हैं ज्यादा सस्ती और ठंडी

By पूजा दास

लाल मिट्टी की टाइल्स, दोबारा इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री, टूटे हुए पुराने टाइल्स, थर्माकोल, डंप यार्ड से रिसायकल करने वाली चीजें, टिन के ढक्कन आदि को नया रूप देकर मनोज पटेल पूरे घर को इको-फ्रेंडली और पारंपरिक तरीके से डिज़ाइन करते हैं जिससे उनकी लागत कम हो जाती है।