बिजनौर में तैनात UP Police कॉन्सटेबल विकास कुमार घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने पाठशाला खोली हैं। उनके इस नेक काम के लिए उन्हें डिपार्टमेंट से सम्मान भी मिल चुका है।
“एक समय मेरे घर के आगे एक तालाब हुआ करता था, जिसमें लोग कूड़ा-कचड़ा फेंक देते थे। इसके बाद मेरे पिता जी ने उसमें मिट्टी भर कुछ फलदार पेड़ लगाए, धीरे-धीरे यह सिलसिला बढ़ता गया। आज हम आम, अमरूद, अनार जैसे फलदार पेड़ों से लेकर गिलोय, कालाबांसा, थोर जैसे कई औषधीय पौधों की भी खेती करते हैं। -अप्रती सोलंकी
शुरुआत में रंजना परिवार इस बिज़नेस के लिए सहमत नहीं हो रहे थे, इसलिए उन्होंने तय किया कि वह पहले घर पर ही मोती की खेती करके दिखाएंगी और परिवार का विश्वास जीतेंगी।
आनंद बताते हैं कि उन्होंने अपनी 13 साल की नौकरी के दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान और पटना तक काम किया, लेकिन वह सुख नहीं मिला, जो उन्हें खेतों में मिलता है।