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8 फीट की बालकनी में उगाए 300+ पौधे, मेरठ में ले आयीं असम की यादें

By प्रीति टौंक

मेरठ की सुमिता सिंह जब भी अपने बचपन को याद करतीं, उन्हें असम की हरियाली याद आती। पर यहाँ न आँगन था, न छत! फिर क्या, उन्होंने अपनी छोटी सी बालकनी में ही 300 से ज़्यादा पौधे लगा दिए। आप भी लीजिए उनसे बागवानी के कुछ टिप्स।

महिला उद्यमी का कमाल, Say No to Plastic, करें इनकी बनाई 'कागज़ी बोतल' का इस्तेमाल

By प्रीति महावर

नोएडा की महिला उद्यमी, समीक्षा गनेरीवाल ने एक Startup लॉन्च किया है, जहाँ वह 100% कम्पोस्टेबल कागज़ से बोतलें बना रही हैं। Say no to plastic और आज ही अपनाएं यह इको-फ्रेंडली बोतल।

ऑटोवाला बना लखपति बिज़नेसमैन, किसानों से मशरूम खरीदकर बनाते हैं फ़ूड-आइटम

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश में जौनपुर के रहनेवाले, 62 वर्षीय रामचंद्र दूबे पहले ऑटो चलाया करते थे, लेकिन पिछले चार सालों से वह किसानों से मशरूम खरीदकर उनसे खाने की चीज़ें बनाते हैं और लाखों का मुनाफा हैं।

टूटे हुए पेड़ों और बेकार लकड़ी के टुकड़ों से बनाते हैं Sustainable Furniture

By प्रीति टौंक

वाराणसी के संदीप सरन, 'काठ कागज' नामक होम-स्टूडियो चलाते हैं, जहाँ बेकार पड़ी लकड़ियों का इस्तेमाल कर, वह अपने ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक़ Sustainable Furniture बनाकर देते हैं।

एक एकड़ के चौथाई हिस्से में लगाया ड्रैगन फ्रूट, कमाई पांच लाख रुपए से ज्यादा

By निशा डागर

उत्तर प्रदेश के किसान रविंद्र पांडेय ने ड्रैगन फ्रूट की सफल खेती से आज अपनी अलग पहचान बनायी है।

नौकरी छोड़, तीन भाइयों ने शुरू किया मोती पालन, गाँव के 180+ लोगों को दिया रोज़गार

By प्रीति महावर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के नारायणपुर गांव में रहने वाले तीन भाइयों, श्वेतांक पाठक, रोहित आनंद पाठक, मोहित आनंद पाठक और उनके चाचा, जलज जीवन पाठक ने गांव वालों की मदद करने के लिए, अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर, ‘उदेस पर्ल फार्म्स’ की स्थापना की। यहाँ मोती पालन के ज़रिए वे, 180 से ज्यादा लोगों को रोजगार दे रहे हैं।

केले के पेड़ से निकले कचरे से खड़ा किया बिज़नेस, गाँव की 450 महिलाओं को मिला रोज़गार

By प्रीति टौंक

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के एक गाँव हरिहरपुर के 35 वर्षीय रवि प्रसाद ने, अपने ही गाँव में केला फाइबर (Banana Fiber) से रोजगार का अवसर ढूंढ निकाला है।

कृषि-कचरे से मात्र 3 महीने में बना दिया कोविड केयर सेंटर, बिजली पर नहीं निर्भर

By प्रीति टौंक

उत्तर प्रदेश की आर्किटेक्ट श्रीति पांडे ने कृषि-कचरे से पंजाब और बिहार में मात्र 3 महीने में दो कोविड केयर सेंटर बना दिए।

शहर में सब्जियां उगाकर गाँव भी भेजते हैं, लखनऊ के चौधरी राम करण

By प्रीति टौंक

बचपन से खेती के शौकीन रहे लखनऊ के चौधरी राम करण, बैंक से रिटायरमेंट के बाद अपनी छत पर ही उगा लेते हैं 30 से ज्यादा फल-सब्जियां।

बाजार से क्यों खरीदें? जब घर पर ही मुफ्त में बना सकते हैं प्राकृतिक 'लूफा'

By निशा डागर

कानपूर की रहने वाली, अल्पना ठाकुर पिछले दो साल से अपनी जीवनशैली को इको-फ्रेंडली बनाने में जुटी हैं और हाल ही में, उन्होंने 'प्राकृतिक लूफा' बनाया है।