मिलिए हरिद्वार की डॉ. अंशु राठी से; जिन्होंने अपनी बेटी को घर की ऑर्गेनिक फल-सब्जियां खिलाने के लिए साल 2013 में गार्डनिंग शुरू की थी। उनके इस सफर में द बेटर इंडिया भी उनका साथी रहा है! जानिए कैसे..
मुंबई में कॉपोरेट नौकरी करनेवाले चेतन सूरेंजी, पर्यावरण और गार्डनिंग के अच्छे जानकर भी हैं। फ़िलहाल वह पैशन फ्रूट के ज़रिए किसानों को मधुमक्खी पालन करना सिखा रहे हैं। पढ़ें, कैसे की थी उन्होंने घर पर इसकी शुरुआत।
बेंगलुरु के रहने वाले 58 वर्षीय इंजीनियर, नटराज उपाध्याय ने अपने घर में 1700 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाकर 'अर्बन जंगल' बनाया है। जहाँ पर आपको पपीता, केला, इमली और मोरिंगा जैसे 300 से ज्यादा किस्म के पेड़-पौधे और 50 से ज्यादा किस्म के पक्षी, तितलियाँ और अन्य जीव-जंतु दिख जाएंगे।