दिल्ली के रहने वाले अजय कुमार झा की छत पर 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगे हुए हैं, जिनमें मौसमी सब्जियों के साथ-साथ अंगूर, अनार, चीकू, अमरुद, संतरा, नींबू, तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय, एलोवेरा, नीम, धतूरा, अपराजिता, वैजयंती, रुद्राक्ष जैसे पेड़-पौधे शामिल हैं।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में रहने वाली 46 वर्षीया ऋतू सोनी, साल 2017 से अपनी छत पर बागवानी कर रही हैं और अपने ‘एबीसी ऑफ़ गार्डनिंग' यूट्यूब चैनल के जरिए, अपने 1.7 लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर को बागवानी के गुर सिखा रही हैं।
हैदराबाद की रहने वाली एक गृहिणी, दर्शा साई लीला अपनी छत पर 600 से अधिक पौधों की बागवानी करती हैं, जिसमें आम, नारंगी, लीची, अमरूद, ड्रैगन फ्रूट, से लेकर एवोकाडो तक शामिल हैं।
साल 2019 में, आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर दीपक जॉन मैथ्यू ने अपने घर के बगीचे में टैपिओका लगाया। इसके करीब 8 महीने बाद, उन्हें 24 किलो टैपिओका की फसल मिली, जो औसतन 6 किलो के अनुमानित उपज से चार गुना ज्यादा था।
नई दिल्ली में रहने वाले अमित चौधरी करीब 3 साल पहले फैशन डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद किसी वजह से डिप्रेशन में चले गए थे। इस वजह से वह तय नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें जिंदगी में करना क्या है। इसके बाद उन्होंने बागवानी शुरू करने का फैसला किया, जो बचपन से ही उनका शौक था।
कमल की खेती किसी स्थायी जल निकाय में की जाती है, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने छत पर 100 से अधिक पौधों की बागवानी करने वाली संगीता श्रीवास्तव गमले में कमल उगाने का तरीका साझा कर रही हैं।