दिल्ली में पली-बढ़ी, श्री सिस्टर्स- तरु श्री, अक्षया श्री और ध्वनि श्री, साथ मिलकर 'Silpakarman' नामक ब्रांड चला रही हैं, जिसके अंतर्गत वह बांस के बने मग, कप, फ्लास्क, डेकॉर और फर्नीचर आदि के साथ अब Bamboo Tea भी बना रही हैं।
गुरुग्राम के गौतम मलिक ने 2015 में अपनी माँ, डॉ. ऊषा मलिक और अपनी पत्नी भावना डन्डोना के साथ मिलकर 'जैगरी बैग्स' की शुरूआत की। वे पुरानी-बेकार सीट बेल्ट और कार्गो बेल्ट को अपसायकल करके, खूबसूरत और टिकाऊ बैग बना रहे हैं।
दिल्ली स्थित जेडईडी लैब के निदेशक सचिन रस्तोगी का मानना है सचिन के विचारों में, जीवन की गुणवत्ता में तभी सुधार होता है, जब सभी हितधारकों के साथ-साथ पर्यावरण को भी लाभ हो। उनका यह विचार, उनके आवासीय परियोजनाओं से लेकर व्यावसायिक परियोजनाओं में दिख जाता है।
जंगल में आग की समस्या को देखते हुए अभिनव ने अपने साथी, मैत्री वी के साथ मिलकर अपने वेंचर वाशिन कम्पोजिट्स के तहत, चीड़ के काँटों से अब तक बायोडिग्रेडेबल फेस शील्ड, चम्मच, मग से लेकर प्लेट्स, बाउल्स और ग्लास जैसी कई अविश्वसनीय उत्पादों को बना दिया। आज उनके उत्पादों की माँग पूरे देश में है।
आर्किटेक्टचर कंपनी कंपार्टमेंट्स एस4 की शुरुआत सीईपीटी, अहमदाबाद के 8 दोस्तों ने मिलकर की। इसके तहत उनका इरादा सस्टेनेबल आर्किटेक्चर के जरिए सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना था और महज 3 वर्षों में ही उन्होंने इस दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
हैदराबाद में रहने वाली माया विवेक और मीनल दालमिया, Holy Waste ब्रांड के अंतर्गत फूलों को प्रोसेस करके अगरबत्ती, धूपबत्ती, खाद और साबुन जैसे उत्पाद बना रहीं हैं!