चीनी यानी शक्कर के दाने भी भारत का ही आविष्कार हैं। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति गुप्त शासन काल में हुई थी। गुड़ से जब शक्कर बनाई गई तो यह दिखने में सफ़ेद, क्रिस्टल और कंकड़ की तरह थी। इसके इसी रवेदार गुण की वजह से ही इसे 'शर्करा' कहा गया और इसी संस्कृत शब्द से बना है 'शक्कर'।
पंजाब के 65 वर्षीय प्रेमचंद पिछले 40 वर्षों से गन्ना (Sugarcane farming), आलू, गेहूं और बीट जैसे फसलों की खेती कर रहे हैं। अपने खेत में वह तीन तरह के गुड़ बनाते हैं, जिससे उन्हें डेढ़ गुना अधिक कमाई हो रही है।
बिजनेस शुरु करने से पहले मिलिंद और कीर्ति दतार ने 13 साल तक IT क्षेत्र में नौकरी की। फिर उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरु करने का फैसला किया। स्टार्टअप के जरिए अब वे पुणे और मुंबई में गन्ने का जूस बेच रहे हैं और लाखों की कमाई कर रहे हैं।
सांगली, महाराष्ट्र के रहने वाले किसान अमर पाटिल ने एक एकड़ में 130 टन गन्ना उगाकर, मिसाल कायम की है और कृषि क्षेत्र में अपने अभिनव कार्यों के लिए उन्हें कई कृषि सम्मानों से नवाजा गया है।
सांगली, महाराष्ट्र में रहने वाले सचिन येवले और वर्षा येवले 'कृषिदूत एग्रो फार्म' ब्रांड के जरिये जैविक गुड़, मसाला गुड़, कैंडी, लॉलीपॉप और चाय बनाकर ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं।
हर साल योगेश लगभग 5000 क्विंटल गुड़ बनाते हैं, जिसे वह सीधा कंपनियों को बेचते हैं और इसके साथ वह 2000 लीटर गन्ने का सिरका भी बना रहे हैं, जिसे वह मुफ्त में लोगों को बांटते हैं!