ओडिशा में बारगढ़ जिले के गोड़भगा में रहने वाली जयंती प्रधान एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। जानिए कैसे, दूसरे किसानों के खेत से मिली बेकार पराली से उन्होंने अपने मशरूम की खेती को आगे बढ़ाया।
वाराणसी की शिखा शाह, पुरानी-बेकार चीजों से नयी और खूबसूरत चीजें बनाकर scrap business, Scrapshala चला रही हैं,, जिससे उनकी हर साल, 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।
उत्तराखंड में बागेश्वर जिले के सामा गाँव में रहने वाले 72 वर्षीय भवान सिंह, कीवी की खेती और नर्सरी तैयार कर रहे हैं, जिससे वह सालाना 10 लाख रुपए से ज्यादा कमाते हैं।
चेन्नई में रहने वाली सोनम सुराना ने अपनी सास की रेसिपीज से Prem Eatacy नामक ऑनलाइन फ़ूड बिज़नेस शुरु किया है, जहाँ वह घर में बनाए गोंगुरा चटनी और मोलागापोडी जैसे उत्पाद बेचती हैं।
इंदौर के छप्पन दुकान गली पर जॉनी हॉट डॉग की शुरुआत विजय सिंह राठौर ने तब की थी, जब वह सिर्फ 11 साल के थे। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि उनके लज़ीज हॉटडॉग को पूरे एशिया प्रशांत में UberEats पर सबसे ज़्यादा ऑर्डर किए जाने वाला डिश का खिताब मिल चुका है।
मुंबई की मशहूर फूडचेन ‘जंबोकिंग बर्गर' के मालिक, धीरज गुप्ता बता रहे हैं, कैसे उन्होंने 'मेक इन इंडिया' पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एक स्ट्रीटफूड वड़ा पाव को रीब्रांड किया और फूड बिजनेस में आगे बढ़े।
केरल के कोल्लम जिले में कोट्टाराकरा के रहने वाले 41 वर्षीय डॉ. हरि मुरलीधरन, पिछले 10 सालों से अपने खेत में लगभग 800 विदेशी प्रजातियों के फलों के पेड़-पौधे उगा रहे हैं। जिनमें सॉनकोय, अलामा, यूगु, बिगनेय आदि शामिल हैं।