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समुद्र को बचाकर 49 साल की उम्र में भारत की कोरल वुमन बन गईं यह गृहणी

लगभग 10 साल पहले, 49 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली बार Deep-sea Scuba Diving की थी; और शौक़ के लिए शुरू हुआ उमा मणि का यह काम आज उनकी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और लक्ष्य बन चुका है। Sony BBC Earth से उन्हें ‘Earth Champion of the Month’ का Title भी मिल चुका है।

59 की उम्र में सीखी स्विमिंग, जीते 500 से ज़्यादा मेडल्स

सूरत की रहने वालीं 80 साल की बकुलाबेन पटेल तैराकी में 500 से भी ज़्यादा मेडल और ट्रॉफी जीत चुकी हैं। इसके अलावा वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और इसे परफॉर्म करने वालीं सबसे उम्रदराज़ महिला बन, लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं। ये सब उन्होंने 58 की उम्र से करना शुरू किया, इसके पहले वह एक आम गृहिणी थीं।

58 की उम्र में मुक्ता के सपनों ने भरी उड़ान, मॉडल बनकर छुआ आसमान

By प्रीति टौंक

शादी और घर की जिम्मेदारियां निभाते हुए मुक्ता सिंह जिन सपनों को पूरा नहीं कर पाई थीं, आज 58 की उम्र में वह उन सपनों को जी रही हैं।

93 साल की दादी ने कतरन से 35000 थैलियां बनाकर मुफ्त में बाँट दी

By प्रीति टौंक

हैदराबाद की 93 वर्षीया मधुकान्ता भट्ट ने न सिर्फ़ बेकार कपड़ों से 35000 थैलियां बनाईं बल्कि लोगों में उन्हें मुफ्त बांटा ताकि प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके।

51 की उम्र में ज़मीन खरीदी और शुरू की खेती, 10 साल में सालाना रु. 15 लाख होने लगी कमाई

By प्रीति टौंक

51 की उम्र में नवसारी की लक्ष्मी पटेल ने अपनी जमीन खरीदी और शुरू की आम और चावल की खेती। आज वह ऑर्गेनिक तरीकों का उपयोग करके अपने खेतों से लाखों का मुनाफा कमा रही हैं। पढ़ें उनकी सफलता की कहानी।

प्रेरक लाइब्रेरियन: रोज़ 4 किमी पैदल चलकर, गृहिणियों और बुजुर्गों तक पहुंचाती हैं किताबें

By निशा डागर

केरल के वायनाड जिले में रहने वाली 64 वर्षीया राधामणि, ‘प्रतिभा पब्लिक लाइब्रेरी’ नामक एक स्थानीय लाइब्रेरी में काम करती हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनका काम लाइब्रेरी में बैठकर लोगों को किताबें देना नहीं है बल्कि वह हर रोज लगभग चार किमी पैदल चलते हुए, घर-घर जाकर लोगों को किताबें देकर आती हैं।

बेस्ट ऑफ़ 2020: 10 बुजुर्ग, जिनके हौसलों ने दी इस साल को नई पहचान

By निशा डागर

आज कोरोना महामारी के चलते जहां युवा भी निराशा के अंधेरों से घिरे हैं, वहां ये 10 वरिष्ठ नागरिक हम सबकी उम्मीद बनकर उभर रहे हैं और हमें एक बार फिर ज़िंदगी को ज़िंदादिली से जीने की राह दिखा रहे हैं!