लुधियाना, पंजाब के रहने वाले 39 वर्षीय बैंक क्लर्क अंकित गुप्ता ने यूट्यूब से हाइड्रोपोनिक्स विधि सीखकर, अपने घर की छत पर यह सेटअप लगाया और आज वह हर महीने 40 हजार रुपए से ज्यादा की सब्जियां ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।
दूरदर्शन के एक कार्यक्रम से प्रेरित होकर, संजीव सिंह ने 1992 में मशरूम उगाना शुरू किया था और आज वह सैकड़ों टन मशरूम उगा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ‘पंजाब का मशरूम किंग' का ख़िताब मिल चुका है।
चंडीगढ़ के तीन दोस्त - विकास सिंगला, अनुज सैनी, और नितिन शर्मा पानी से चलने वाली आटा चक्की यानी घराट की परंपरा को पुनर्जीवित करने और लोगों को इनसे निर्मित ताज़ा आटा खिलाने के मिशन पर हैं।
पंजाब के संगरूर में प्रियंका गुप्ता अपने पिता की 4 एकड़ ज़मीन पर जैविक फसलें उगा रहीं हैं और इनकी उपज से वह घर पर ही तरह-तरह के उत्पाद तैयार करतीं हैं और बाज़ार में पहुंचाती हैं!
पंजाब के अमृतसर जिला के धरदेव गाँव के रहने वाले मंदीप को मशरूम खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए साल 2017 में आईसीएआर द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
एसओएस में पले-बढ़े करमजीत एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनका मानना है कि वह शायद एक चोर-उचक्के बन गए होते अगर उन्हें बचपन में सही दिशा नहीं दी जाती। पहले करमजीत ने अपनी मेहनत से एक घर बनाया और आज वह शादीशुदा हैं साथ ही उनका एक बेटा भी है।