कच्छ के रण उत्सव में चार चाँद लगाता यह है Hodka Rann Stay. इसे बनाया है गुजराती भाई भीमजी खोयला ने, जो खुद कलाकारों के परिवार से आते हैं और सस्टेनेबिलिटी व संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
नौ साल की उम्र से सुषमा सिंह कर रही हैं जानवरों को रेस्क्यू, घर को शेल्टर होम बनाकर बेजुबानों की सेवा में लगे उनके परिवार की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए।
The Railway Men- कहानी है एक स्टेशन मास्टर गुलाम दस्तगीर की, जिनसे अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना भोपाल गैस त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई।
दस सालों तक सिविल सर्विस करने के बाद रवि कपूर ने नौकरी छोड़कर UPSC Aspirants को परीक्षा की तैयारी में मदद करना शुरू किया और वो भी बिना किसी फीस के! आज वह लाखों बच्चों को UPSC परीक्षा के जुड़े टिप्स दे चुके हैं।
अहमदाबाद की मानसी सदिरा ऑनलाइन एक से बढ़कर एक ड्राइंग और स्कैच बनाकर बेचती हैं। उनकी कला देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि वह सांस लेने के लिए भी एक मशीन पर निर्भर हैं।
आर्थिक मज़बूरी में हिम्मत करके बढ़ाया एक कदम, आज उत्तराखंड की रामा बिष्ट के लिए सफलता की सीढ़ी बन चुका है। जिसके दम पर वह अपने तीनों बच्चों को अच्छा भविष्य देने के साथ-साथ कई और महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं।
क्या आप तीर्थन घाटी में पारंपरिक हिमाचली होमस्टे की तलाश कर रहे हैं? तो आपकी तलाश डाल्टन्स विलेज पर समाप्त होती है, जहाँ आपको शुद्ध हिमाचली और सस्टेनेबल लाइफ के साथ कुछ मजेदार एक्टिवीटीज़ का अनुभव लेने का मौका भी मिलेगा।
महिलाओं को आज़ादी और अपनों का साथ मिल जाए तो वह आसमान की ऊंचाईयों को नाप सकती हैं। ऐसा ही कुछ सरला ठकराल ने 1936 में किया था। 21 साल की उम्र में उन्होंने साड़ी पहनकर उड़ान भरी और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला पायलट बन गईं।