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Rann Of Kutch का यह मिट्टी से बना होमस्टे देता है एकदम देसी अनुभव

कच्छ के रण उत्सव में चार चाँद लगाता यह है Hodka Rann Stay. इसे बनाया है गुजराती भाई भीमजी खोयला ने, जो खुद कलाकारों के परिवार से आते हैं और सस्टेनेबिलिटी व संस्कृति को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।

इनका घर है 85 बेजुबानों का आशियाना, रोज 300 जानवरों का भरती हैं पेट

By प्रीति टौंक

नौ साल की उम्र से सुषमा सिंह कर रही हैं जानवरों को रेस्क्यू, घर को शेल्टर होम बनाकर बेजुबानों की सेवा में लगे उनके परिवार की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए।

Bhopal Gas Tragedy में लाखों ज़िंदगियां बचाने वाले गुमनाम नायक की कहानी

The Railway Men- कहानी है एक स्टेशन मास्टर गुलाम दस्तगीर की, जिनसे अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना भोपाल गैस त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई।

IRS बनने के बावजूद, नौकरी छोड़ देते हैं Free UPSC Coaching

दस सालों तक सिविल सर्विस करने के बाद रवि कपूर ने नौकरी छोड़कर UPSC Aspirants को परीक्षा की तैयारी में मदद करना शुरू किया और वो भी बिना किसी फीस के! आज वह लाखों बच्चों को UPSC परीक्षा के जुड़े टिप्स दे चुके हैं।

ICU में भी ड्राइंग करती थीं मानसी, अपने हुनर से हराया हर मुश्किल को

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की मानसी सदिरा ऑनलाइन एक से बढ़कर एक ड्राइंग और स्कैच बनाकर बेचती हैं। उनकी कला देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि वह सांस लेने के लिए भी एक मशीन पर निर्भर हैं।

बंजर जमीन पर फल उगाकर लाखों कमा रही गृहिणी, दिया कइयों को रोजगार भी

By प्रीति टौंक

आर्थिक मज़बूरी में हिम्मत करके बढ़ाया एक कदम, आज उत्तराखंड की रामा बिष्ट के लिए सफलता की सीढ़ी बन चुका है। जिसके दम पर वह अपने तीनों बच्चों को अच्छा भविष्य देने के साथ-साथ कई और महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रही हैं।

पहाड़, झरने, जंगल, नदी.. तीर्थन घाटी में मिट्टी से जुड़ा और मिट्टी से बना एक होमस्टे

क्या आप तीर्थन घाटी में पारंपरिक हिमाचली होमस्टे की तलाश कर रहे हैं? तो आपकी तलाश डाल्टन्स विलेज पर समाप्त होती है, जहाँ आपको शुद्ध हिमाचली और सस्टेनेबल लाइफ के साथ कुछ मजेदार एक्टिवीटीज़ का अनुभव लेने का मौका भी मिलेगा।

कभी कमज़ोर अंग्रेजी के चलते जिसका उड़ता था मज़ाक, छोटे से गाँव की वह लड़की बनी IAS टॉपर

IAS सुरभि गौतम का सफर एक मिसाल है, कि अगर खुद पर भरोसा हो तो किसी भी कमजोरी को हराकर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

भारत की पहली महिला पायलट, मात्र 21 साल की उम्र में विमान उड़ाकर रच दिया था इतिहास

महिलाओं को आज़ादी और अपनों का साथ मिल जाए तो वह आसमान की ऊंचाईयों को नाप सकती हैं। ऐसा ही कुछ सरला ठकराल ने 1936 में किया था। 21 साल की उम्र में उन्होंने साड़ी पहनकर उड़ान भरी और ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला पायलट बन गईं।