ओडिशा के कोरापुट जिले की रहने वाली रायमती घुरिया ने अब तक मिलेट की 30 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया है। सातवीं पास रायमती का कृषि और बीज संरक्षण के प्रति लगाव आज उनकी पहचान बन गया है।
अच्छी नौकरी और परिवार के बेहतर भविष्य के लिए देश और शहर छोड़कर रहनेवाले लोग तो आपने देखें होंगे, लेकिन आज मिलिए एक ऐसे बैंकर से, जिन्होंने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर मोमोज़ बेचना शुरू कर दिया, जिसके पीछे की वजह बेहद खास है।
न कोई खेत, न मिट्टी! पंजाब के दो भाई किसान न होते हुए भी, उगा रहे हैं केसर और दूसरों को भी सीखा रहे हैं एक्स्ट्रा आय का जरिया। खास बात तो यह है कि ये सब वे अपनी फुल टाइम नौकरी के साथ कर रहे हैं।
70 साल के डॉ अरुणोदय मंडल जब 160 किमी का सफर तय करके सुंदरबन पहुंचते हैं, तब मरीजों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है, क्योंकि यहां आने वाले वह इकलौते डॉक्टर हैं। डॉ. मंडल पिछले 23 सालों इसी तरह हर हफ्ते मरीजों को मुफ्त इलाज देकर सेवाभाव की मिसाल कायम रहे हैं।
असम की ऋतूपूर्णा नेओग अपनी संस्था Akam Foundation के जरिए उन गांवों में फ्री लाइब्रेरी बना रही हैं, जहां के बच्चों को आज भी किताबों और रोटी के बीच में किसी एक चुनना पड़ रहा है।
प्रकृति के नजदीक, मिट्टी और रीसायकल चीजों के इस्तेमाल से बनें सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली घर दिखने में जितने सुन्दर होते हैं, उतनी ही दिलचस्प होती है इनके बनने की कहानी। चलिए जानें किन पांच ईको-फ्रेंडली घरों की कहानियां इस साल आपने की सबसे ज्यादा पसंद।
ज़्यादा से ज़्यादा लोग खेती को समझ सकें, इसके लिए ये बाप बेटी की जोड़ी Educational Permacultural Farm Tour कराते हैं। Sustainable Farming की जानकारी के साथ-साथ महाराष्ट्र के अनिल और स्नेहा राजगुरु ने यहाँ आने वाले मेहमानों के लिए एक खूबसूरत फार्मस्टे भी बनाया है।