दिल्ली के नज़फ़गढ़ में रहने वाली कृष्णा यादव, 'श्री कृष्ण पिकल्स' नाम से अपनी कंपनी चला रही हैं और उनके बनाये अचार, कैंडी, मुरब्बा, जूस की मांग आज दिल्ली के आसपास के सभी राज्यों में है। आज दिल्ली में उनकी कई फैक्ट्रीज़ हैं और उन्हें 'नारी शक्ति अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया जा चुका है।
जीवन का नियम है कि जो संघर्ष करता है, वह अपने काफी ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है और इसे सही साबित कर दिखाया है नैनीताल के रामगढ़ ब्लाॅक के नथुवाखान गांव में रहनेवाली रमा बिष्ट ने। उन्होंने बुरांस से 20 गांवों की महिलाओं को रोजगार दिया है।
गुजरात की चेतनाबेन पटेल भले ही 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं लेकिन, वह किसी पर निर्भर नहीं हैं। उन्हें चलने में कठिनाई है, इसके बावजूद वह अपने घर पर अचार का बिजनेस करतीं हैं और खुद ही ग्राहकों तक इसे पहुंचातीं हैं।
बिहार के दरभंगा शहर की रहने वाली कल्पना झा और उनकी भाभी उमा झा ने 50 की उम्र पार करने के बाद एक नई शुरुआत की है। इन दोनों ने मिलकर 'JhaJi अचार' नामक ऑनलाइन अचार बिजनेस की शुरुआत की है।
मुंबई की होम शेफ इंदरप्रीत नागपाल पिछले 21 सालों से फ़ूड बिज़नेस कर रही हैं और कुछ साल पहले उन्होंने अपना अचार और जैम का बिज़नेस, 'Herbs n Spices' भी शुरू किया है।
दिल्ली के जैविक किसान कुलदीप सिंह लॉकडाउन के दौरान नींबू की बिक्री नहीं कर पाए, तो उन्होंने इससे अचार और जैम बनाकर 'Pickle Business' शुरू कर दिया और अच्छी कमाई की।
केरल के रहने वाले दो MBA ग्रैजुएट्स, हाफिज रहमान और अक्षय रवीन्द्रन ने मिलकर अचार बनाने का व्यवसाय Athey Nallatha लॉन्च किया है, जिसके जरिए वे माँ के हाथ से बने अचार को ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं और 34 गृहणियों को रोजगार दे रहे हैं।