लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोगों की आमदनी रुक गई है और उनके घरों में पर्याप्त खाने-पीने के साधन भी नहीं बचे हैं। ऐसे में आप जैसे सक्षम लोगों को भी ऐसे ज़रूरतमंदों की मदद करने का मिल रहा है मौका!
68 वर्षीय महेश चूरी के इस ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए कतार लगी है लेकिन महेश के लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण है किसानों को अतिरिक्त आय का साधन और आदिवासी महिलाओं को रोज़गार देना।