31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।
बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।