कोटा के 21 वर्षीय यशराज ने अपने साथी राहुल मीणा की मदद से बिना मिट्टी, भूसे और बीज के जरिये हैंगिंग फ्रेश Oyester Mushroom की खेती कर, 45 दिनों में फसल तैयार कर अच्छी कमाई कर रहे हैं।
ओडिशा में बारगढ़ जिले के गोड़भगा में रहने वाली जयंती प्रधान एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। जानिए कैसे, दूसरे किसानों के खेत से मिली बेकार पराली से उन्होंने अपने मशरूम की खेती को आगे बढ़ाया।
जयपुर, राजस्थान की रहने वालीं शिक्षिका अन्नू कँवर, पिछले दो सालों से मशरूम उगाकर ग्राहकों तक पहुंचा रही हैं। लेकिन कोरोना माहमारी के चलते जब बाजार बंद हो गया तो, उन्होंने मशरूम से पाउडर, अचार और नमकीन जैसे उत्पाद बनाकर खुद का ब्रांड, आमल्दा ऑर्गेनिक्स शुरू किया।
पंजाब के अमृतसर जिला के धरदेव गाँव के रहने वाले मंदीप को मशरूम खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए साल 2017 में आईसीएआर द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।