कई पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम औषधीय गुणों का खजाना है। ताजा मशरूम से आप तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते हैं साथ ही इसमें वैल्यू-एडिशन कर अलग उत्पाद भी बनाया जा सकता है। अधिकांश लोग बाजार से मशरूम खरीदते हैं लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप घर में मशरूम उगा सकते हैं।
दिल्ली में रहने वाली गीता अरुणाचलम पिछले 12-13 सालों से घर पर ही मशरूम उगा रही हैं और साथ ही, अब तक सैकड़ों लोगों को मशरूम उगाने की ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं। हमेशा से ही गार्डनिंग के प्रति सजग रहने वाले गीता प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई हैं।
गीता ने द बेटर इंडिया को बताया, “अपने देश में मशरूम की तीन प्रजातियाँ प्रचलित है: बटन, ढिंगरी (ओएस्टर) और दुधिया (मिल्की) मशरूम। वैसे तो लोग हमारे यहाँ बटन मशरूम को ज्यादा जानते हैं। लेकिन अगर किसी ने इसके बारे में पढ़ा है तो उन्हें पता होगा कि ओएस्टर मशरूम पोषण और स्वाद दोनों ही मामले में बटन मशरूम से बेहतर होती है। अगर आप बाज़ार से खरीदेंगे तो आपको यह बटन मशरूम से महंगी मिलेगी। सबसे अच्छी बात यह है कि इस मशरूम को हम आसानी से घर पर उगा सकते हैं।”
गीता आज हमें बता रहीं हैं कि कैसे कोई भी अपने घर में ओएस्टर मशरूम उगा सकता है!
क्या-क्या चाहिए:
- सबसे पहले आपको भूसा चाहिए होता है। आप चावल या गेहूँ की फसल के बाद बचे भूसे को इस्तेमाल कर सकते हैं।

- इसके बाद, आप कोई पुरानी, इस्तेमाल हुई पॉलिथीन लें, जिसे आप पहले अच्छे से धोकर सुखाएं। इसके अलावा, आप पुरानी कोई टोकरी, जूट का बैग, या फिर प्लास्टिक बोतल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- मशरूम के बीज (Spawns)
कैसे उगाएं मशरूम:
गीता कहतीं हैं कि आपको अपने घर का वह कोना या जगह ढूँढ़ना होगा, जहाँ नमी रहती है और हल्का-सा अंधेरा रहता है। आप किसी मेज के नीचे, आलमारी में या फिर अपनी छत पर शेड बनाकर या फिर किसी कार्डबोर्ड में रखकर मशरूम उगा सकते हैं। यह जगह ऐसी होनी चाहिए, जहाँ ज्यादा लाइट न आती हो और तापमान कम रहे।
- सबसे पहले आपको भूसे को तैयार करना है। ध्यान रहे कि आप हरे रंग का कच्चा भूसा न लें बल्कि सिर्फ पीले रंग का सूखा हुआ भूसा लें। इसे अब 6-7 इंच के आकार का काट लें।
- इस भूसे को पूरी रात पानी में भिगोकर रखें और सुबह इसे निकाल लें। इसके बाद, इसे गर्म पानी में उबालें और सुखाएं।
- इस भूसे को इस तरह तैयार करें कि इसमें हल्की-हल्की नमी बची रहे।

अब आपको मशरूम का बीज तैयार करना है। यह जान लें कि एक परिवार के लिए 5 किलोग्राम भूसे में उगी मशरूम पर्याप्त है, जिसमें आपको भूसे की मात्रा के मुताबिक 2% बीज डालना है। जैसे 5 किलो भूसे के लिए सिर्फ 10 ग्राम बीज ही चाहिए। बाकी आप अपने घर में खपत के हिसाब से लगा सकते हैं। शुरूआत में कम से ही कोशिश करें।
अगले स्टेप में आपको बीजाई करनी है। इसके दो तरीके हैं, पहला आप भूसे में सीधा बीज ऊपर से छिड़कर डाल दें और फिर इसे अच्छे से मिक्स करके पॉलिथीन बैग में भर दें।
दूसरा लेयर मेथड है, जिसमें आप पॉलिथीन में सबसे पहले एक लेयर भूसे की रखें और फिर इस पर मशरूम के बीज डालें। फिर दूसरे लेयर भूसे की और फिर बीज डालें। इस तरह से करते हुए पूरे पॉलिथीन बैग को भर लें और फिर इसमें ऊपर से गाँठ लगा दें।
- बैग में भूसा और मशरूम के बीज भरने से पहले ही, इसके नीचे और चारों तरफ छोटे-छोटे छेद कर लें। ये छेद इतने ज्यादा बड़े नहीं होने चाहिए कि इनमें से भूसा निकल जाए और न ही इतने छोटे कि हवा पास न हो सके। आपको छेद का आकार ऐसा रखना है कि इसमें से हवा आसानी से पास हो सके।
- बैग में भूसा और बीज भरकर इसे ऊपर से बांधकर, अपनी चुनी हुई जगह पर रख दें।

गीता बतातीं हैं, “मशरूम के लिए तापमान 20 से 28 डिग्री होना चाहिए और अंधेरा भी। तापमान अगर ज्यादा है तो आप बैग पर पानी छिड़कर इसे बैलेंस कर सकते हैं या फिर तापमान कम है तो आप ऐसे कमरे में मशरूम बैग रखें, जहाँ हीटर आदि चलता हो।”
- मशरूम बैग तैयार करके रखने के तीन दिन बाद इसे खोलकर देखें। आपको यदि भूसे में जगह-जगह सफेद रंग के जाल दिखलाई पड़ते हैं तो इसका मतलब है कि मशरूम उगना शुरू हो गया है।
- अब इसे फिर से बंद करके रख दें और इसके ऊपर कोई गीला कपड़ा या फिर गीला बोरी डाल दें।
- ज़रूरत के हिसाब से इसी कपड़े के ऊपर पानी स्प्रे करते रहें। नमी बनी रहनी चाहिए लेकिन बैग में पानी न ठहरे इसका ध्यान हमेशा रखना होता है।

- मशरूम उगने में लगभग 3 हफ्ते का समय लगता है। लेकिन इसके बाद यह काफी तेजी से बढ़ता है।
- लगभग 3 हफ्ते बाद कपड़े को हटाकर, बैग को देखें। आपको छेद में से मशरूम के छोटे-छोटे सफेद बड दिखाई पड़ेंगे।
- जब ये बड आपको दिखना शुरू हो जाएं तो आप पॉलिथीन को खोलकर रख सकते हैं या फिर कहीं लटका सकते हैं।
- बड आने के लगभग एक हफ्ते में ही आपको मशरूम की अच्छी-खासी हार्वेस्ट मिल जाएगी।
“आपको छेद से बड निकलती दिखाई देंगी, जो चंद दिनों में ही ओएस्टर मशरूम का बड़ा गुच्छा बन जाएगी। जब यह गुच्छा ऊपर की तरफ मुड़ने लगे तो आपको समझ जाना चाहिए कि अब आप मशरूम हार्वेस्ट कर सकते हैं। पहली जो फसल आपको मिलती है, वह बहुत ज्यादा मिलती है। मशरूम को काटने के बाद आप छेद में से आराम से इसकी जड़ को भी निकाल दें और बैग को वहीं पर रहने दें,” गीता ने आगे कहा।
- पहली फसल के लगभग 10 दिन बाद आपको दूसरी क्रॉप मिलती है, मतलब उसी बैग से दूसरी बार उत्पादन और फिर लगभग 10 दिन बाद तीसरी क्रॉप।
- एक ही बैग से आपको लगभग दो-तीन महीने तक उत्पादन मिल सकता है।
अगर आप चाहें तो एक-एक किलो भूसे के तीन-चार बैग बना सकते हैं। या फिर आप कुछ दिनों के अन्तराल पर बैग बनाकर रख सकते हैं जैसे कि पहले हफ्ते में आपने दो बैग बनाकर रखें और फिर दूसरे हफ्ते में और दो। इन पर नियमित तौर से पानी छिड़कते रहें।

इससे आप नियमित रूप से मशरूम का उत्पादन करते रहेंगे।
गीता कहतीं हैं कि जब तक भूसा बिल्कुल काले रंग का नहीं हो जाता, तब तक आपको इससे उत्पादन मिलता रहेगा। काला पड़ने के बाद भी आपको इस भूसे को फेंकने की ज़रूरत नहीं है। आप इस भूसे को सुखाकर, इसका पाउडर बना सकते हैं। यह पाउडर जैविक खाद की तरह काम करता है और आप इसे अपने अन्य पेड़-पौधों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
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मशरूम यदि ज्यादा है और आपके यहाँ पूरी इस्तेमाल नहीं हो पाई है तो आप मशरूम को फ्रीज़ में स्टोर कर सकते हैं। या फिर आप इसे धूप में अच्छे से सुखाकर, किसी एयरटाइट जार में रख लीजिए। इसके बाद, जब कभी खाने का मन हो तो आपको बनाने से पहले बस इसे गर्म पानी में उबालना होगा और यह फिर से वैसे ही हो जाएगी।
कोई भी चीज़ सीखने में वक्त लगता है। इसलिए अगर मशरूम उगाने का पहला प्रयास सफल न हो तो आप दूसरा, तीसरा प्रयास अवश्य करें। मशरूम उगाने के लिए आप वैसे तो तापमान खुद बैलेंस कर सकते हैं। लेकिन ओएस्टर मशरूम उगाने के लिए दिसंबर का पहला सप्ताह उपयुक्त माना जाता है।
“फसल के बाद पराली को जलाने से बेहतर है कि किसान खासकर कि ग्रामीण युवा, इसे अच्छे से काटकर अपने घरों में या फिर कोई झोपड़ी बना उसमें मशरूम उगाने के लिए इस्तेमाल करें। यह युवाओं से लेकर महिलाओं तक, सभी के लिए अच्छा कमाई का साधन साबित हो रहा है। ज़रूरी नहीं कि आप मशरूम को बेचने के लिए बाज़ार ढूंढे बल्कि आप खुद मशरूम उगाएं और फिर इसे आगे प्रोसेस करें जैसे कि मशरूम के सूप या पकौड़ों का स्टॉल लगा सकते हैं,” गीता ने अंत में कहा।
मशरूम के बीज आपको अपने आस-पास किसी भी सरकारी नर्सरी या केवीके से मिल जाएंगे। तो फिर देर किस बात की, आज से ही मशरूम उगाने के प्रयास शुरू करें। यदि किसी भी तरह की परेशानी आए तो आप गीता अरुणाचलम से geeta@geetaarunachalam.com, geetaarunachalam@yahoo.com पर संपर्क कर सकते हैं!
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