कोटा के अमनप्रीत सिंह ने 6 साल में ही अपने गऊ ऑर्गनिक डेयरी स्टार्टअप को 7 करोड़ सालाना टर्न ओवर के पार पंहुचा दिया। उन्होंने यह कारनामा किया दूध, बिलोना घी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ एवं गोबर खाद को बेचकर।
सूरत के पास, अंभेटी गांव के रहनेवाले कमलेश पटेल ने साल 2015 में खुद जैविक खेती को अपनाया और गांव के कई दूसरे किसानों के लिए जैविक खाद बनाकर उन्हें भी जीरो बजट खेती सिखाई।
जयपुर में रहने वाले 45 वर्षीय प्रतीक तिवारी ने MNC की नौकरी छोड़ पोर्टेबल फार्मिंग सिस्टम का बिजनेस शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के 25 से अधिक शहरों में 1500 से अधिक घरों को खेती से जोड़ चुके हैं।
मुंबई की ‘Emgee Greens society’ पिछले दो साल से कचरा मुक्त है। उन्होंने पुरानी अलमारियों और सिंक तक को रीसायकल कर जैविक पौधों के लिए इस्तेमाल किया है और छत पर उगाई गई सब्जियों का उपयोग पूरी सोसाइटी कर रही है।
गर्मियों के मौसम में, देश के कई इलाकों का तापमान 40 डिग्री को भी पार कर जाता है। जिसका असर न सिर्फ हम लोगों बल्कि पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। इसलिए, गर्मियों के मौसम में अपने पेड़-पौधों का ख्याल रखने के कुछ जरूरी टिप्स सीखिए, गार्डनिंग एक्सपर्ट एनेट मैथ्यू से।
पेड़-पौधों के विकास के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम की जरूरत होती है। पौधों को इनका पोषण देने के लिए, आप घर पर ही प्याज, केले, अंडे और संतरे के छिल्कों के साथ चायपत्ती और अन्य जैविक चीजें मिलाकर ऑर्गेनिक NPK खाद बना सकते हैं।