मुंबई की 66 वर्षीया एक बुज़ुर्ग महिला कैसी होंगी? आप कल्पना करेंगे एक दादी की, जो रिटायरमेंट के बाद घर पर आराम करती होंगी, दिनभर में थोड़ा-बहुत वॉक कर लेती होंगी। है न? लेकिन नहीं, पुष्पा केया भट्ट एक मैराथन रनर हैं, कई मुश्किल चुनौतियां पार कर चुकी हैं और हफ़्ते में 17 से 20 घंटे वर्कआउट करती हैं।
केरल के कासरगोड में नारायणी नाम की एक टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले 50 सालों से हर दिन 25 किमी पैदल चल रहीं हैं। यह उनके इस अद्भुत सफ़र की कहानी है।
मिलिए अहमदाबाद के साबरमती इलाके में रहनेवाली 70 वर्षीया जड़ी बा से, जिन्होंने जीवन में बचपन से कठिनाइयां ही देखी हैं। बावजूद इसके उन्हें जीवन से कोई शिकायत नहीं है, बल्कि वह तो इस बात से खुश हैं कि वह काम करके आत्मनिर्भर हैं।
पुणे निवासी, विमल दिघे का परिवार पिछले 16 वर्षों से खाना पकाने के लिए बायोगैस का उपयोग कर रहा है, जिससे उनके LPG Cylinder पर होने वाला खर्च आधा हो गया है।