“मेरे कई सहयोगी भारत के लिए कुछ करना चाहते थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या और कैसे करें। इस मॉडल से मैंने उन्हें दिखाया कि हर कोई अपने तरीके से मोहन भार्गव (स्वदेस में शाहरूख खान की भूमिका) कैसे बन सकता है।”
चार बच्चों की माँ, 57 वर्षीय छायारानी साहू कहती हैं, "सैकड़ों लोग हर रोज अपनी जान गंवा रहे हैं मैं अपने काम से लोगों की मदद कर सकती हूं। मौत का डर मुझे परेशान नहीं करता है।” #CoronaWarriors #Respect
इंदौर के राजेंद्र सिंह अपनी सोसाइटी के आस-पास घुमने वाले जानवरों का ख्याल रख रहे हैं तो वहीं बंगलुरु के प्रवीण कुमार हर दिन लगभग 150 जानवरों को खाना खिला रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी इंसानियत की ऐसी मिसालें वाकई एक बेहतर कल की उम्मीद जगाती है!
केंदुझर जिला प्रशासन की किसी भी मीटिंग या अन्य किसी आयोजन के दौरान चाय और स्नैक्स बायोडिग्रेडेबल पेपर कप और साल के पत्तों से बनी प्लेट- कटोरी में ही सर्व किये जायेंगें!