पाटिल ने जब बांस की खेती करना शुरू किया तब उनके सिर पर दस लाख रुपये का कर्ज था, लेकिन बांस की खेती ने न सिर्फ उन्हें कर्जमुक्त किया बल्कि आज पूरे देश में उनकी एक अलग पहचान है!
"साल 2008 में जब कैंसर के चलते मैंने अपनी पत्नी को खो दिया, तो मुझे लगा कि मैं अपने लेवल पर लोगों का स्वास्थ्य सुधारने के लिए जो कर सकता हूँ, ज़रूर करूँगा।"