सामान्य सब्जियों के अलावा घर के एक कमरे में रहकर गुजरात की पुष्पा पटेल और पीनल पटेल मशरूम की खेती कर रही हैं। वे इससे खाखरा और आटा जैसे कई प्रोडक्ट्स तैयार करके बढ़िया मुनाफा भी कमा रही हैं।
उत्तर प्रदेश में जौनपुर के रहनेवाले, 62 वर्षीय रामचंद्र दूबे पहले ऑटो चलाया करते थे, लेकिन पिछले चार सालों से वह किसानों से मशरूम खरीदकर उनसे खाने की चीज़ें बनाते हैं और लाखों का मुनाफा हैं।
जमशेदपुर के राजेश कुमार, पिछले लॉकडाउन से पहले अपनी नौकरी छोड़कर घर लौट आये थे। उन्होंने घर में ही मशरूम की खेती शुरू की, जिससे आज वह हर महीने अच्छी कमाई कर रहे हैं।
ओडिशा में बारगढ़ जिले के गोड़भगा में रहने वाली जयंती प्रधान एक प्रगतिशील महिला किसान हैं। जानिए कैसे, दूसरे किसानों के खेत से मिली बेकार पराली से उन्होंने अपने मशरूम की खेती को आगे बढ़ाया।
दूरदर्शन के एक कार्यक्रम से प्रेरित होकर, संजीव सिंह ने 1992 में मशरूम उगाना शुरू किया था और आज वह सैकड़ों टन मशरूम उगा रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ‘पंजाब का मशरूम किंग' का ख़िताब मिल चुका है।
पंजाब के अमृतसर जिला के धरदेव गाँव के रहने वाले मंदीप को मशरूम खेती के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए साल 2017 में आईसीएआर द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
विनोद ने इंटरनेट से मिलिट्री मशरूम की खेती के तरीके को सीख कर, अपने एक 15x15 के कमरे को लैब में बदल दिया और करीब 1 लाख रुपए से सभी संसाधनों को जुटा कर, इसकी खेती शुरू कर दी।