श्रीमाली ने सुझाव दिया कि पूरा ढेर नहीं हटाकर बीच में से एक झिरी निकाल दी जाए, ऐसा करने में कोई भारी बजट भी नहीं लगेगा, साथ ही जनधन की कोई हानि का ख़तरा भी नहीं होगा। स्थानीय प्रकृति प्रेमियों के दबाव में प्रशासन ने सुझाव को मंजूरी दे दी।
इस गाँव में जन्म लेने वाली हर कन्या के नाम पर उसके परिजनों और ग्रामीणों द्वारा 111 पौधे लगाए जाते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अब तक 93,000 से अधिक पौधे पेड़ बन चुके हैं।