ये ज़ुबाँ हमसे सी नहीं जाती : दुष्यंत कुमार [इंक़लाब की आवाज़ और टूटे हुए साज़ का दर्द भी]शनिवार की चायBy मनीष गुप्ता01 Sep 2018 11:43 ISTआज शनिवार की चाय में मनोज बाजपेयी प्रस्तुत कर रहे हैं दुष्यंत कुमार जी की एक आग में बघारी हुई रचना! और पढ़िए मनीष गुप्ता क्या कहते है दुष्यंत कुमार के बारे में!Read More
मनोज बाजपेयी के गर्दिश के दिनों की साथी : रश्मिरथी!शनिवार की चायBy मनीष गुप्ता09 Mar 2018 13:25 ISTManoj Bajpayee recites Rashmirathi to Manish Gupta in Shanivar ki Chai. He said that this poem has helped him in overcoming challenges.Read More