कभी मुंबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले पवित्रा और रिनास आज खेतों में काम करते हैं और उन्हें यह मेहनत करने में मज़ा आ रहा है। सबसे अच्छी बात है कि आज वे एक हेल्दी लाइफस्टाइल जी रहे हैं।
गुजरात के पाटण में रहनेवाली तन्वी बेन और उनके पति एक प्राइवेट जॉब कर रहे थे। लेकिन दोनों ने अपनी नौकरी छोड़ जैविक खेती करने का फैसला किया और अब बड़े पैमाने पर मधुमक्खी पालन कर लाखों कमा रहे हैं।
राजस्थान के बीकानेर जिले के देसली के रहने वाले रवि बिश्ननोई 2006 से मुख्यधारा की मीडिया में रिपोर्टिंग कर रहे थे। लेकिन, 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ खेती की राह चुनी।
बिहार के पश्चिमी चंपारण में रहने वाले, नीतिल भारद्वाज नौकरी छोड़कर, मोती पालन और मछली पालन कर रहे हैं। उन्होंने 'भारद्वाज पर्ल फार्म एंड ट्रेनिंग सेंटर' के नाम से अपना ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया है, जहाँ लॉकडाउन में बेरोज़गार हुए लोगों को मुफ्त ट्रेनिंग दी गयी।
केरल के तुम्बुर के रहने वाले टॉम किरण डेविस लगभग 5 साल पहले दुबई में नौकरी छोड़कर अपने देश लौटे और अपने गाँव में खाली और बंजर पड़ी ज़मीन पर जैविक खेती शुरू की!